उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में वन्यजीवों के संघर्ष और मानव बस्तियों में उनके अवांछित प्रवेश की एक भयावह घटना सामने आई है। गांवों से लेकर शहरी इलाकों तक में गुलदार के आतंक ने स्थानीय निवासियों के बीच दहशत और चिंता का माहौल बना दिया है।
खेतों में गुलदार का आक्रमण
सोमवार की रात्रि, बिजनौर के एक शहरी खेत में पानी देने गए दो किसानों पर एक गुलदार ने हमला बोल दिया। यह घटना न केवल वन्यजीवों के बढ़ते मानवीय क्षेत्रों में प्रवेश की ओर इशारा करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि कैसे आवास स्थल की कमी इन जीवों को हमारे निकट ला रही है।
इस घटना में गंभीर रूप से घायल हुए दोनों किसानों की पहचान कृपाल सिंह और सौरभ के रूप में की गई है। उन्हें आपातकालीन चिकित्सा सहायता के लिए तत्काल एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है।
शहरी इलाकों में गुलदार की उपस्थिति
यह घटना बिजनौर में गुलदार के बढ़ते आतंक का एक ताजा उदाहरण है, जहाँ अब जंगली इलाकों से लेकर शहरी बस्तियों तक में इनका आतंक फैल रहा है। इस बढ़ते खतरे ने न केवल स्थानीय निवासियों की चिंताओं को बढ़ाया है बल्कि प्रशासन के सामने भी नई चुनौतियाँ पेश की हैं।
कृपाल सिंह और सौरभ पर हमला उस समय हुआ जब वे अपने गेहूं के खेत में पानी देने गए थे। गुलदार का हमला इतना भीषण था कि एक किसान को 450 टांके लगाने पड़े, जबकि दूसरे किसान को डेढ़ सौ के करीब टांके लगे। यह घटना स्थानीय लोगों में गहरी दहशत पैदा कर गई है।
इस घटना ने वन्यजीव संरक्षण और मानव-वन्यजीव संघर्ष के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता को और भी जोरदार तरीके से उजागर किया है। स्थानीय प्रशासन और वन विभाग को इस समस्या का समाधान खोजने के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।