भारतीय ओलिंपियन बॉक्सर विजेंदर सिंह ने राजनीति में अपना नया दांव खेलते हुए, कांग्रेस पार्टी को विदा कहकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) का दामन थाम लिया है। यह घोषणा बुधवार को नई दिल्ली में स्थित भाजपा मुख्यालय में हुई, जहां सिंह ने पार्टी की औपचारिक सदस्यता ग्रहण की।
ओलिंपिक से लेकर लोकसभा तक
हरियाणा के भिवानी निवासी विजेंदर, जिन्होंने 2019 में कांग्रेस के बैनर तले लोकसभा चुनावों में भाग्य आजमाया था, साउथ दिल्ली से उम्मीदवार थे परंतु विजयी नहीं हो पाए। उनकी यह राजनीतिक यात्रा उनके खेल जीवन की तरह सफल नहीं रही, जहां उन्होंने 2008 बीजिंग ओलिंपिक्स में बॉक्सिंग के जरिए देश को ब्रॉन्ज मेडल दिलाया था।
नई उम्मीदें और संकल्प
भाजपा में शामिल होने के उपरांत, विजेंदर ने अपनी नई पार्टी से जुड़ने के पीछे की प्रेरणा को साझा किया। उनका कहना है कि विकास और देश की तरक्की के उनके दृष्टिकोण को भाजपा के माध्यम से आकार मिल सकता है। उनकी यह भावना उनके खेल जीवन के उसी जुनून और समर्पण को दर्शाती है, जिसने उन्हें विश्व स्तर पर प्रसिद्धि दिलाई।
विजेंदर, जो जाट समुदाय से आते हैं, का मानना है कि उनके इस नए राजनीतिक सफर से वे पश्चिमी उत्तर प्रदेश, राजस्थान, और हरियाणा में एक नई उम्मीद जगा सकेंगे। उनके इस कदम को राजनीतिक विश्लेषक भी एक महत्वपूर्ण रणनीतिक चाल के रूप में देख रहे हैं।
विजेंदर की इस नई राजनीतिक पारी के साथ ही उनके समर्थकों और अनुयायियों को भी एक नई उम्मीद की किरण दिखाई दे रही है। जहां वे पहले रिंग में अपने पंच से विरोधियों को चित करते थे, वहां अब वे राजनीति के अखाड़े में अपनी नई सोच और कार्यक्रमों के जरिए जनता का दिल जीतने की कोशिश में हैं।