बेरूत (किरण): लेबनान के मिलिशिया समूह हिजबुल्लाह को अपना ही फोन तोड़ो अभियान भारी पड़ गया। इजरायल ने इस अभियान को अधिकार बना लिया और दुनिया का सबसे हैरतअंगेज ऑपरेशन को अंजाम दे डाला। हिजबुल्लाह के लड़ाकों को यह यकीन था कि संचार के साधन के तौर पर पेजर का इस्तेमाल करने पर इजरायल उनकी लोकेशन ट्रैकिंग नहीं कर पाएगा। मगर उनके इन मंसूबों पर इजरायल ने पानी फेर दिया।
इजरायल के पेजर हमले से हिजबुल्लाह पूरी तरह से स्तब्ध है। हिजबुल्लाह ने इसी साल फरवरी में फोन तोड़ो अभियान चलाया। यह अभियान एक युद्ध योजना के तहत चलाया गया। इजरायली जासूसी से बचना ही फोन तोड़ो अभियान का सबसे प्रमुख उद्देश्य था। 13 फरवरी को एक टेलीविजन भाषण में हिजबुल्लाह के महासचिव हसन नसरल्लाह ने अपने समर्थकों को कड़ी चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था कि यह फोन इजरायली जासूसों से भी अधिक खतरनाक हैं। इन्हें तोड़ देना चाहिए। दफना देना चाहिए या लोहे के बक्से में बंद कर देना चाहिए।
फोन तोड़ो अभियान के बाद हिजबुल्लाह ने पेजर इस्तेमाल करने का निर्णय लिया। इसके बाद समूह ने अपने लड़ाकों, सदस्यों और चिकित्सकों को पेजर का वितरण किया। समूह ने ताइवान की गोल्ड अपोलो कंपनी को 5,000 पेजर का ऑर्डर दिया। मगर कंपनी के संस्थापक हसू चिंग-कुआंग का कहना है कि पेजर का निर्माण यूरोपीय कंपनी ने किया है। केवल हमारे ब्रांड का इस्तेमाल किया गया है।
कहा जा रहा है कि इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद ने पेजर निर्माण के दौरान ही उसमें विशेष बोर्ड लगा दिया था। इसमें तीन ग्राम विस्फोटक था। मगर इसको पकड़ना बेहद मुश्किल था। एक विशिष्ट कोड मिलने के बाद यह विस्फोटक सक्रिया हुआ और लेबनान में एक साथ 3,000 पेजरों में धमाका हुआ। इन धमाकों में 11 लोगों की जान गई है। हिजबुल्लाह के 4,000 लड़ाके घायल हैं।
धमाकों से पहले पेजर बजने लगे थे। यही वजह था कि हिजबुल्लाह के लड़ाकों ने पेजर में हाथ रखा और कुछ मैसेज पढ़ने की खातिर चेहरे के नजदीक ले जाने लगे तभी धमाका हो गया। अधिकांश लड़ाकों के चेहरों पर चोटें आई हैं। कई की हाथों की अंगुलियां तक गायब हो गई हैं। कुछ लड़ाकों के कूल्हे पर बड़े घाव हुए हैं। दरअसल, कूल्हे के पास ही पेजर पहना जाता है। इन धमाकों ने हिजबुल्लाह के कई लड़ाकों को अपंग बना दिया है।
2018 की पुस्तक ‘राइज एंड किल फर्स्ट’ के मुताबिक इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद पहले भी दुश्मनों को मोबाइल फोन से निशाना बना चुकी है। मोसाद ने अपने दुश्मनों को निपटाने की खातिर फोन में विस्फोटक रखे थे। इसके बाद हैकर्स ने फोन में खास कोड भेजा। इससे फोन अधिक गर्म होने लगे और कई मामलों में धमाका तक हुआ।