पटियाला, पंजाब में एक दर्दनाक घटना ने सभी को हिला के रख दिया। 10 वर्षीय बच्ची मानवी की एक केक खाने के बाद मौत हो गई, जिससे एक गहरी जांच का सिलसिला शुरू हुआ। केक की डिलीवरी जोमैटो के माध्यम से एक ऐसे फर्म से की गई थी, जिसका अस्तित्व ही नहीं था। यह फर्म न्यू इंडिया बेकरी के नाम से जानी जाती थी, जिसके कर्मचारियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है और मालिक फरार है।
फर्जीवाड़े की गहराई
इस भयानक घटना ने न केवल एक निर्दोष जीवन को छीन लिया, बल्कि ऑनलाइन खाने की डिलीवरी सेवाओं में फर्जीवाड़े की एक गहरी परत को भी उजागर किया है। पंजाब पुलिस ने इस मामले में बेकरी मालिक समेत चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। न्यू इंडिया बेकरी के मैनेजर और दो कर्मचारियों की गिरफ्तारी के बाद, जोमैटो ने भी इस फर्म को अपनी सूची से हटा दिया है।
मानवी की त्रासदी ने एक बड़ी समस्या की ओर इशारा किया है। उसके जन्मदिन के लिए ऑर्डर किए गए केक ने उसकी जान ले ली। उसके परिजनों ने जांच के बाद पाया कि जिस फर्म से केक ऑर्डर किया गया था, वह फर्जी थी।
एक परिवार की खोज
मानवी के परिजनों ने हार नहीं मानी और अपनी जांच खुद से शुरू की। उन्होंने जोमैटो के माध्यम से फिर से उसी फर्म से केक मंगवाया और डिलीवरी एजेंट को पकड़ लिया, जिससे इस पूरे फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हुआ। यह घटना न केवल ऑनलाइन डिलीवरी सेवाओं के प्रति लोगों के विश्वास को डगमगाती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि कैसे आम नागरिक अपनी समस्याओं का समाधान खोजने में सक्षम हैं।
इस प्रकरण ने फूड सेफ्टी और ऑनलाइन डिलीवरी सिस्टम्स की सुरक्षा में बड़े सुराख को उजागर किया है। यह एक जागृति कॉल है कि कैसे डिजिटल युग में भी, फर्जीवाड़े के खिलाफ सतर्क रहना और जागरूकता बरतना अत्यंत आवश्यक है। मानवी की मौत ने एक गहरी और दुखद कहानी को सामने लाया है, जिसे भुलाया नहीं जा सकता।