वाशिंगटन (नेहा): स्टील और एल्युमीनियम पर वर्तमान समय में दुनिया की सबसे बड़ी कारोबारी जंग छिड़ गई है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को भारत समेत सभी देशों से आयात होने वाली इन धातुओं पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया। उन्होंने कहा कि इस कदम से अमेरिकी कारखानों में नौकरियों के सृजन में मदद मिलेगी। ट्रंप के इस फैसले पर कनाडा और यूरोपीय संघ ने जवाबी टैरिफ लगाने की घोषणा की है, तो ब्रिटेन ने कहा है कि उसके सभी विकल्प खुले हुए हैं। भारत सरकार ने ट्रंप प्रशासन के फैसले पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, सरकार कह चुकी है कि उसने घरेलू निर्माताओं की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। ट्रंप ने धातुओं पर अपने 2018 के शुल्क से सभी छूटों को हटा दिया और एल्युमीनियम पर शुल्क को 10 प्रतिशत से बढ़ा दिया। उनका कदम वैश्विक व्यापार को बाधित करने और बदलने के व्यापक प्रयास का हिस्सा है। उन्होंने कनाडा, मेक्सिको और चीन पर अलग-अलग शुल्क लगाए हैं।
ट्रंप ने मंगलवार को विभिन्न कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) से कहा कि टैरिफ के कारण कंपनियां अमेरिकी कारखानों में निवेश कर रही हैं। वृद्धि में गिरावट की आशंका के कारण पिछले महीने एसएंडपी 500 शेयर सूचकांक में आठ प्रतिशत की गिरावट से उनका मनोबल गिरने की संभावना नहीं है, क्योंकि कारखानों को वापस लाने में उच्च टैरिफ दरें अधिक प्रभावी होंगी। यह जितना अधिक ऊपर जाएगा, उतनी ही अधिक संभावना है कि वे निर्माण करेंगे। सबसे बड़ी जीत यह होगी कि वे हमारे देश में आएं और नौकरियां पैदा करें। यूरोपीय संघ ने अमेरिकी टैरिफ के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की घोषणा की है। ईयू ने कहा कि वह अमेरिका से आयात पर 28 बिलियन डालर का शुल्क लगा रहा है। इनमें केवल स्टील और एल्युमीनियम उत्पाद ही नहीं, बल्कि कपड़ा, घरेलू उपकरण और कृषि उत्पाद भी शामिल होंगे। इसका असर मोटरसाइकिल, पीनट बटर और जींस पर भी पड़ेगा।
रॉयटर के अनुसार, कनाडा के वित्त मंत्री डोमिनिक लेब्लांक ने कहा कि हम अमेरिकी आयात पर 20 बिलियन डॉलर का जवाबी टैरिफ लगाएंगे, जो गुरुवार से प्रभावी होगा। कनाडा की जवाबी कार्रवाई से कंप्यूटर, खेल उपकरण और कच्चे लोहे का उत्पाद प्रभावित होगा। कनाडा अमेरिका को स्टील और एल्यूमीनियम का सबसे बड़ा निर्यातक है। चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि बीजिंग अपने अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा, जबकि जापान के मुख्य कैबिनेट सचिव योशिमासा हयाशी ने कहा कि इस कदम का अमेरिका-जापान आर्थिक संबंधों पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है। आस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अलबनिजी ने कहा कि आस्ट्रेलिया के इस्पात और एल्युमीनियम पर अमेरिकी शुल्क अनुचित हैं। हालांकि, उनकी सरकार जवाबी कार्रवाई नहीं करेगी।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर ने कहा है कि वह सभी विकल्पों पर विचार करेंगे। उन्होंने संसद को बताया कि स्टील और एल्युमीनियम पर वैश्विक टैरिफ से हर किसी की तरह मैं भी निराश हूं, लेकिन हम एक व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाएंगे। भारत सरकार ने कहा कि उसने घरेलू स्टील निर्माताओं की सुरक्षा और स्टील उद्योग की प्रतिस्पर्धा को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं, क्योंकि अमेरिका ने 12 मार्च से सर्वाधिक पसंदीदा राष्ट्र (एमएफएन) के आधार पर स्टील और एल्युमीनियम उत्पादों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की है। लोकसभा में एक लिखित उत्तर में इस्पात और भारी उद्योग राज्यमंत्री भूपतिराजू श्रीनिवास वर्मा ने बताया कि सरकार पारस्परिक रूप से लाभकारी और निष्पक्ष तरीके से द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने और व्यापक बनाने के लिए अमेरिका के साथ बातचीत जारी रखे हुए है।