चंडीगढ़ (किरण): हरियाणा कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक के दूसरे दिन दिल्ली में टिकटों के आवंटन के फॉर्मूले पर विचार विमर्श किया गया। कांग्रेस किसी भी सांसद अथवा राज्यसभा सदस्य को विधानसभा चुनाव लड़वाने से मना कर चुकी है। अब दो बार अथवा इससे ज्यादा विधानसभा चुनाव हार चुके किसी भी दावेदार को विधानसभा का टिकट नहीं दिया जाएगा। स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में राज्य की सभी 90 विधानसभा सीटों पर आए 2556 दावेदारों के नामों पर विमर्श के बाद इनकी छंटनी कर दी गई है। स्क्रीनिंग कमेटी के सदस्य इन नामों को 10-10 नामों पर लेकर आ चुके हैं। अगले दो दिनों में एक से तीन नामों के पैनल को अंतिम रूप दे दिया जाएगा। पैनल में कांग्रेस के प्रमुख नेताओं खासकर सांसदों व राज्यसभा सदस्यों के सुझाव की झलक दिखाई दे सकती है।
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि पैनल बनाने की प्रक्रिया पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए आइवाश से ज्यादा कुछ नहीं है, ताकि उन्हें लगे कि पार्टी ने धरातल पर काम करते हुए पैनल तैयार किए हैं। कांग्रेस पार्टी उन्हीं नेताओं व कार्यकर्ताओं को विधानसभा चुनाव लड़वाएगी, जो जातीय समीकरणों में फिट बैठेंगे तथा जिनमें अपने प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार को हराने की मजबूत राजनीतिक क्षमता होगी।
इसके लिए पैनल में ऐसे नाम भी शामिल हो सकते हैं, जिन्होंने भले ही टिकट के लिए आवेदन नहीं किया है। हालांकि, एक विधायक को छोड़कर कांग्रेस के सभी मौजूदा 28 विधायकों ने टिकटों के लिए आवेदन किया है ताकि कार्यकर्ताओं के बीच यह तसल्ली बनी रहे कि टिकट हासिल करने के लिए विधायकों को भी आवेदन करने की प्रक्रिया से गुजरना पड़ा है।
नई दिल्ली में कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक के दूसरे दिन कमेटी के अध्यक्ष अजय माकन और सदस्यों मणिकम टैगोर, जिग्नेश मेवानी और श्रीनिवास बीवी के साथ पार्टी प्रभारी दीपक बाबरिया, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी भागीदारी की। बैठक में इस बात पर सहमति बनाने के प्रयास चल रहे हैं कि कांग्रेस हाईकमान के पास सिंगल नाम का पैनल भेजा जाएगा। स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक अगले दो दिन और चलने की संभावना है। मंथन की प्रक्रिया से थोड़ी देर के लिए बाहर आए हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी दीपक बाबरिया ने कहा कि पार्टी ने दो बार चुनाव हार चुके नेताओं को टिकट नहीं देने का निर्णय लिया है। ऐसे में कई नेताओं के अरमान अधूरे रह सकते हैं।
कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया से जब सवाल किया गया कि क्या दो बार चुनाव हार चुके नेताओं का टिकट काटा जाएगा, इसके जवाब में उन्होंने कहा कि ये भी एक फैक्टर है कि उनका टिकट काटा जा सकता है। तीन बार चुनाव हार चुके और जमानत जब्त करा चुके उम्मीदवारों को टिकट नहीं देने का नीतिगत फैसला हो चुका है।
कांग्रेस में इतनी अधिक दावेदारी पर बाबरिया ने कहा कि हमारी पार्टी में स्वस्थ लोकतंत्र हैं। अबकी बार पार्टी दागी चेहरों को भी चुनावी दंगल से दूर रखने पर गंभीरता से विचार कर रही है। पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने के लिए जिन 2500 से अधिक दावेदारों ने आवेदन किए हैं, उनमें से अधिकतर के इंटरव्यू पार्टी प्रभारी द्वारा लिए जा चुके हैं।
इंटरव्यू में संभावित दावेदारों को ही दिल्ली बुलाया गया था। पिछले दिनों प्रभारी ने आवेदन करने वाले व्यक्तियों से अपने-अपने बूथ की कमेटियों की सूची भी तलब की थी। जिन दावेदारों ने बूथ कमेटियां जमा नहीं कराई हैं, उनकी टिकटों पर कैंची चल सकती है।