नई दिल्ली (नेहा): लाइफ मैक्स कैंसर लैबोरेट्रीज द्वारा तैयार की गईं कैल्शियम 500mg और विटामिन D3 टेबलेट्स केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) के टेस्ट में फेल हो गई हैं। CDSCO ने सितंबर में अपनी रिपोर्ट जारी की, जिसमें 49 दवाइयों की पहचान की गई है, जो मानकों पर खरी नहीं उतरी हैं। इस महीने CDSCO ने कुल 3000 दवाओं का परीक्षण किया, जिसमें से 49 दवाएं क्वालिटी टेस्ट में फेल रहीं। इसके अलावा CDSCO ने चार दवाओं की भी पहचान की है, जिन्हें फर्जी कंपनियों द्वारा निर्मित बताया गया है। जनहित में CDSCO ने खराब दवाओं को बाजार से वापस लेने का निर्देश दिया है। CDSCO के प्रमुख राजीव सिंह रघुवंशी ने कहा कि केवल 1 प्रतिशत दवाएं टेस्ट में फेल हुई हैं, जो यह दर्शाता है कि खराब और नकली दवाओं को रोकने के लिए CDSCO का प्रयास प्रभावी है।
जिन दवाओं की CDSCO ने पहचान की है, उनमें हिंदुस्तान एंटी-बायोटिक्स के मेट्रोनाइडाज़ोल टेबलेट्स, रैनबो लाइफ साइंसेस के डोमपेरिडोन टेबलेट्स और पुष्कर फार्मा के ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन शामिल हैं। अन्य फेल दवाइयों में स्विस बायोटेक पैरेंटल्स की मेटमॉर्फिन, लाइफ मैक्स कैंसर लैबोरेट्रीज के विटामिन D3 250 IU टेबलेट्स और अल्केम लैब्स के पैन 40 टेबलेट्स शामिल हैं, जिन्हें नकली पाया गया है। कर्नाटक एंटीबायोटिक्स एंड फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड के पारासिटामोल टेबलेट्स भी खराब गुणवत्ता के पाए गए हैं। इसके अलावा अन्य दवाइयों में गौज रोल, नॉन-स्ट्रेरॉइडल रोलर बैंडेज और डिक्लोफेनाक सोडियम टेबलेट्स भी शामिल हैं। CDSCO की यह कार्रवाई हर महीने होने वाली सतर्कता की एक प्रक्रिया का हिस्सा है।