बीजापुर (नेहा): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के छत्तीसगढ़ दौरे से पहले बीजापुर में 50 नक्सली एक साथ हथियार छोड़कर मुख्य धारा में लौटे हैं। छत्तीसगढ़ में लगातार नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। केंद्र सरकार का मार्च 2026 तक देश को नक्सल मुक्त बनाने का लक्ष्य है। यह पहली बार है जब इतनी बढ़ी तादाद में नक्सलियों ने एक साथ आत्मसमर्पण किया है। जानकारी के मुताबिक इन नक्सलियों ने कई वारदातों को अंजाम दिया था। मगर अब मुख्य धारा के साथ चलना चाहते हैं। उधर, सुरक्षाबलों की लगातार कार्रवाई से नक्सलियों में दहशत का माहौल है।
कुछ दिनों में ही छत्तीसगढ़ के बीजापुर और सुकमा क्षेत्र में सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ में कई नक्सलियों को मार गिराया है। सरेंडर करने वाले नक्सलियों पर 68 लाख रुपये का इनाम था। छत्तीसगढ़ सरकार की भी कोशिश है कि अधिक से अधिक नक्सली विकास की धारा में लौटे। सरकार ने पुनर्वास नीति भी बनाई है। सरेंडर करने वाले नक्सलियों को कई तरह की मदद भी दी जा रही है। सरकार का प्रयास है कि नक्सली हिंसा का रास्ता छोड़ शांति और विकास की राह चुने। सभी 50 नक्सलियों ने बीजापुर एसपी कार्यालय में डीआईजी और सीआरपीएफ अधिकारियों की मौजूदगी में हथियार डाले हैं।