रायपुर: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा छत्तीसगढ़ में हुए कथित शराब घोटाले के संबंध में दिया गया निर्णय केंद्र सरकार के विरोधी दलों पर प्रहार करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का इस्तेमाल करने की प्रवृत्ति को उजागर करता है।
शीर्ष अदालत का फैसला
सोमवार को, सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा और उनके पुत्र यश के खिलाफ कथित 2,000 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में धन शोधन के मामले को खारिज कर दिया, यह कहते हुए कि अपराध से कोई आय नहीं हुई थी।
बघेल ने सोमवार को एक्स पर एक पोस्ट में कहा, एजेंसियों जैसे कि ईडी की प्रतिबद्धता संविधान के प्रति होनी चाहिए, न कि किसी राजनीतिक दल के प्रति।
विरोधी दलों पर प्रहार
बघेल का यह भी कहना है कि केंद्र सरकार विरोधी दलों पर नियंत्रण पाने के लिए ईडी जैसी एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। यह घटना उसी का एक उदाहरण है।
संवैधानिक प्रतिबद्धता
बघेल ने आगे बताया कि एजेंसियों का कार्य संविधान के अनुरूप होना चाहिए और उन्हें किसी भी राजनीतिक दल के प्रति पक्षपाती नहीं होना चाहिए। उनका यह भी मानना है कि न्यायपालिका के हालिया निर्णय ने संविधान के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को मजबूती प्रदान की है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
इस घटनाक्रम पर विभिन्न राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएँ विभिन्न होती हैं। कुछ ने इसे न्याय की जीत बताया है, जबकि अन्य ने केंद्र सरकार की आलोचना की है।
समापन विचार
छत्तीसगढ़ शराब घोटाले पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय न केवल एक विशेष मामले में न्याय का प्रतीक है, बल्कि यह भारतीय लोकतंत्र में संवैधानिक मूल्यों और न्यायिक स्वतंत्रता की मजबूती को भी दर्शाता है। इस निर्णय ने केंद्र सरकार और इसके एजेंसियों के उपयोग पर एक महत्वपूर्ण प्रश्नचिह्न लगा दिया है।