वाशिंगटन (राघव): विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि चीन ने भारत के साथ सीमा समझौतों का उल्लंघन किया है। साथ ही कहा कि दोनों देशों के बीच तनाव जारी रहने से शेष संबंधों पर स्वाभाविक रूप से असर पड़ेगा। विदेश मंत्री ने कहा, ‘जहां तक चीन के साथ हमारे संबंधों की बात है तो यह एक लंबी कहानी है। संक्षेप में कहें तो सीमा पर शांति एवं स्थिरता बनाए रखने के लिए हमारे बीच समझौते थे। चीन ने उनका उल्लंघन किया। हमने सेनाओं को अग्रिम मोर्चों पर तैनात कर रखा है और उससे तनाव पैदा हो रहा है। जब तक अग्रिम मोर्चों पर तैनाती का मसला नहीं सुलझता, तनाव बना रहेगा। अगर तनाव रहेगा तो बाकी रिश्तों पर भी स्वाभाविक रूप से असर पड़ेगा।’
व्यापार के संबंध में जयशंकर ने कहा, ‘वैश्विक विनिर्माण (मैनुफैक्चरिंग) में चीन की हिस्सेदारी लगभग 31-32 प्रतिशत है। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि कई दशकों तक पश्चिम के नेतृत्व वाले अंतरराष्ट्रीय कारोबार जगत ने आपसी हितों के लिए चीन के साथ सहयोग करने का चुनाव किया। आज किसी भी देश के लिए जो किसी भी तरह की खपत करता है या विनिर्माण करता है तो चीन से सोर्सिंग करना अपरिहार्य है।’