चंडीगढ़(हरमीत): पठानकोट मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल ने जनवरी 2024 में जारी मेडिकल इवैल्युएशन एंड रेटिंग बोर्ड के आदेशों को चुनौती देते हुए याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता ने याचिकाकर्ता संस्था में नियमितता का हवाला देते हुए दलील दी।
बिना किसी जांच के छात्रों को दूसरे कॉलेजों में ट्रांसफर करने का फैसला लिया गया। याचिकाकर्ता ने अदालत को 2018 से अब तक उसके पक्ष में पारित आदेशों का विवरण दिया। कोर्ट ने कहा कि 2012 से 2017 तक कॉलेज के खिलाफ आदेशों को छुपाया गया। इससे पहले भी कई बार कॉलेज का निरीक्षण किया जा चुका है और हर बार अनियमितताएं पाई गई हैं। कॉलेज द्वारा एक बार जमा की गई 10 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी भी जब्त कर ली गई है। बोर्ड ने कहा कि जांच में दो वार्डों में फर्जी फैकल्टी का भी पता चला जो वास्तव में अन्य मेडिकल कॉलेजों में पढ़ा रहे थे। हाई कोर्ट ने कहा कि इस मामले में जानबूझकर तथ्य छिपाकर कोर्ट को गुमराह करने की कोशिश की गई है। ऐसे में हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता अस्पताल पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इसके अलावा छात्रों को दूसरे कॉलेजों में शिफ्ट करने के खिलाफ दायर याचिका भी खारिज कर दी गई।