वाशिंगटन (राघव): हाल के आंकड़ों से पता चला है कि इस साल ग्रेट बैरियर रीफ के आसपास समुद्र की सतह का तापमान 400 से अधिक वर्षों में सबसे अधिक दर्ज किया गया है। कोरल सागर में गर्मियों में बढ़ते तापमान के कारण कोरल पर अत्यधिक दबाव पड़ रहा है, जिसके कारण व्यापक स्तर पर ब्लिचिंग की संभावना है। शोधकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि ग्रेट बैरियर रीफ को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई आवश्यक है। वैश्विक तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस से नीचे रखने के लिए तत्काल उपाय लागू किए जाने चाहिए।
सूत्रों के अनुसार, समुद्र की सतह पर हाल ही में बढ़ी गर्मी पिछले चार सेंचुरी में सबसे अधिक है। आंकड़े बताते हैं कि इसका मुख्य कारण मानवीय गतिविधियां हैं। वहीं, ग्लोबल वार्मिंग ग्रेट बैरियर रीफ को नुकसान पहुंचा रही है। कई अध्ययनों ने पुष्टि की है कि ग्लोबल वार्मिंग कोरल सागर के तापमान में वृद्धि का कारण बन रही है, जिसका ग्रेट बैरियर रीफ पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ रहा है। बता दें कि मानवीय प्रभाव के बिना, ऐसे चरम तापमान लगभग असंभव होंगे। भले ही पेरिस समझौते का 1.5 डिग्री सेल्सियस का लक्ष्य पूरा हो जाए, फिर भी दुनिया भर में 70% से 90% कोरल नष्ट हो सकते हैं।