नई दिल्ली (राघव): दिल्ली में सिविल डिफेंस और डीटीसी बस मार्शल के बाद अब राजधानी दिल्ली में चलने वाली डीटीसी क्लस्टर बसों के हजारों कंडक्टरों पर बेरोजगार की तलवार लटकती नजर आ रही है। जल्द ही क्लस्टर बसों का कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने जा रहा रहा है, जिसके बाद क्लस्टर बसों में काम करने वाले कंडक्टरों को भी हटाने की बात कही जा रही है।
इस बात को लेकर क्लस्टर बसों के सभी कंडक्टर हड़ताल पर चले गए हैं। पिछले पांच दिनों से हड़ताल पर बैठे हैं। क्लस्टर बस के कंडक्टरों का कहना है कि उन्होंने अपनी आधी जिंदगी इन बसों में कंडक्टरी करते हुए गुजार दी। अब दिल्ली सरकार की तरफ से नई बसों को लगाया जा रहा है, जिसमें कंडक्टर भी अब डीटीसी के होंगे। उन्होंने कहा कि वर्षों से क्लस्टर बसों में अपनी सेवा दे रहे कंडक्टरों को इस तरह से हटना गलत है, जिसका वो विरोध कर रहे हैं।
उनका आरोप है कि जब दिल्ली सरकार के इस फैसले के विरोध में सरकार के सामने अपनी मांगों को रखने के लिए हड़ताल शुरू की तो मुखर्जी नगर के बीबीएम डिपो के सुपरवाइजर ने उनके साथ मारपीट की, जिसका एक वीडियो भी सामने आया है। अब हड़ताल पर बैठे कंडक्टर सरकार से नौकरी की मांग के साथ सुपरवाइजर से भी माफी की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि दिल्ली सरकार उन्हें नई बसों पर कंडक्टरी के लिए नियुक्त करे।
वहीॆ दिल्ली सरकार की तरफ से इस दिशा में अभी तक न तो कोई कदम उठाया गया है और न ही उनसे बात करने की कोशिश की गई है। जो आने वाले 19 जून को सभी कंडक्टरों के बेरोजगार होने का कारण बनने जा रही है। क्लस्टर बस के कंडक्टरों की कॉन्ट्रैक्ट खत्म होते ही नौकरी चली जाएगी। जिसके डर से सभी कंडक्टर हड़ताल ओर चले गए हैं।
बता दें कि दिल्ली सरकार में कार्यरत सिविल डिफेंस, डीटीसी मार्शल और क्लस्टर बस के कंडक्टर पर बेरोजगारी की तलवार लटकी हुई है, उससे कहीं न कहीं केजरीवाल सरकार के उस दावों की पोल खुलती नजर आ रही है, जिसमें उन्होंने लोगों को रोजगार देने का दावा किया था। दिल्ली सरकार जिस तरह से उन हजारों कंडक्टरों को बेरोजगार करने की दिशा में आगे बढ़ रही है, उससे उनमें काफी रोष है।