श्रीनगर (राघव): जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि यदि केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के दृष्टिकोण को अपनाया होता तो जम्मू-कश्मीर की वर्तमान स्थिति ऐसी नहीं होती। जम्मू-कश्मीर विधानसभा में शोक सन्देश के दौरान बोलते हुए अब्दुल्ला ने पूर्व प्रधानमंत्री की प्रशंसा करते हुए कहा कि वाजपेयी ने हमेशा जम्मू-कश्मीर की स्थिति को सुधारने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि जब वाजपेयी 1999 में पहली दिल्ली-लाहौर बस से पाकिस्तान गए थे तो उन्होंने मीनार-ए-पाकिस्तान का दौरा किया था और यह करना आसान नहीं था। सदन के नेता अब्दुल्ला ने कहा कि फिर वह सीमा पर खड़े होकर कहते थे कि हम दोस्त बदल सकते हैं। लेकिन पड़ोसी नहीं। वाजपेयी ने कहा कि बातचीत ही एकमात्र रास्ता है। उन्होंने असफलताओं का सामना करने के बावजूद बार-बार दोस्ती का हाथ बढ़ाया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने वरिष्ठ मंत्री अरुण जेटली को जम्मू-कश्मीर सरकार के साथ इस पर बातचीत करने के लिए नियुक्त किया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर पर वाजपेयी के इरादों से असहमत होना मुश्किल होगा। सदन के नेता ने कहा कि श्रद्धांजलि देने वालों की सूची बहुत बड़ी थी, जो दर्शाती है कि हमारे दो सत्रों के बीच कितना लंबा अंतराल था।