नैनीताल (नेहा): नगरपालिका नैनीताल के अध्यक्ष पद पर कांग्रेस की अधिकृत प्रत्याशी प्रसिद्ध समाजसेवी डॉक्टर सरस्वती खेतवाल ने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा की जीवंती भट्ट को 3919 अधिक वोटों से पराजित किया। चुनाव में उक्रांद व तीन निर्दलीय प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई। जीत के बाद कांग्रेस सहित खेतवाल की समर्थक महिलाओं ने शहर में विजय जुलूस निकालकर जीत का जश्न मनाया। शुक्रवार को जीजीआइसी नैनीताल के सभागार में सुबह आठ बजे पालिकाध्यक्ष व सभासद पदों की मतगणना शुरू हुई। तीन राउंड की मतगणना के बाद निर्वाचन अधिकारी व संयुक्त मजिस्ट्रेट वरुणा अग्रवाल ने नैनीताल पालिकाध्यक्ष पद का परिणाम घोषित किया। घोषित परिणाम के अनुसार विजयी डॉक्टर सरस्वती को कुल मतदाता 25629 में से कुल पड़े 14386 वोट में से 8107, निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस की जीवंती भट्ट को 4188, उक्रांद की लीला बोरा को 125, निर्दलीय दीपा मिश्रा को 696, निर्दलीय ममता जोशी को 381, निर्दलीय संध्या शर्मा को 315, नोटा को 50 मत मिले।
514 मत निरस्त किए गए। विजयी कांग्रेस प्रत्याशी ने नगर के सभी 32 मतदेय स्थलों में हर बूथ में भाजपा प्रत्याशी को भारी अंतर से पराजित किया। परिणाम की घोषणा के बाद कांग्रेस कार्यकर्ता खुशी से झूम उठे, मतगणना स्थल पर ही नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, पूर्व विधायक संजीव आर्य, नगर कांग्रेस अध्यक्ष अनुपम कबड़वाल, पूर्व पालिकाध्यक्ष सचिन नेगी के पक्ष में नारेबाजी शुरू कर दी। नैनीताल पालिका की नवनिर्वाचित अध्यक्ष डॉक्टर सरस्वती खेतवाल ने जीत का श्रेय जनता को देते हुए कहा कि वह सबको साथ लेकर चलेंगी और शहर को साफ सुथरा बनाने व कर्मचारियों की समस्याओं का प्राथमिकता से समाधान करेंगी। उन्होंने कहा कि प्रचार के दौरान जनता से मिले अपार प्यार व सम्मान से उनको महसूस हो गया था कि जीत होगी, लेकिन इतनी बंपर जीत होगी, इसका अनुमान नहीं था।
सरस्वती खेतवाल ने कहा कि पूर्व विधायक संजीव आर्य सहित कांग्रेस संगठन व कार्यकर्ताओं तथा उनके समर्थकों की जी तोड़ मेहनत से यह जीत मिली है। उन्होंने कहा कि चुनाव में जो भी वादे किए हैं, उनको प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाएगा। उन्होंने शहर की जनता का आभार प्रकट किया। नगरपालिका चेयरमैन पद पर कांग्रेस की जीत के बाद कार्यकर्ताओं व समर्थकों ने मतगणना स्थल के बाहर से हल्द्वानी रोड में धर्मशाला से तल्लीताल डांठ तक विजयी जुलूस निकाला। उधर करारी हार से भाजपा खेमे में सन्नाटा पसर गया है और कार्यकर्ता उन स्वयंभू रणनीतिकारों को कोस रहे हैं, जो पूरे चुनाव प्रबंधन के कर्ताधर्ता बने थे।