नई दिल्ली (नेहा): पेट्रोल और डीजल की कीमतों में जल्द ही लोगों को राहत मिलने वाली है, क्योंकि कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का सिलसिला जारी है। शुक्रवार को ब्रेंट क्रूड की कीमत 2 फीसदी से अधिक घटकर 71 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर आ गई, जबकि डब्लूटीआई 2 फीसदी गिरकर 67 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गया। इस हफ्ते के दौरान ब्रेंट क्रूड 4 फीसदी और डब्लूटीआई 5 फीसदी गिरा है। यह गिरावट उस वक्त आई है जब ओपेक प्लस देशों ने लगातार दूसरी बार उत्पादन में कटौती की समयसीमा बढ़ाई है, यानी उत्पादन में कटौती के बावजूद तेल की कीमतों में गिरावट आई है।
इसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की जीत और पॉलिसी से संबंधित अनिश्चितताओं के कारण डॉलर में मजबूती आई है, वहीं अगले साल तेल सप्लाई में सरप्लस की संभावना है, जिससे तेल की कीमतों पर दबाव और बढ़ने का अनुमान है। इन सब घटनाक्रमों के बीच, घरेलू रिटेल प्राइस में कटौती की उम्मीदें भी बढ़ी हैं। सितंबर में जब कच्चे तेल की कीमतें 70 डॉलर प्रति बैरल के करीब थीं, तब पेट्रोलियम सचिव ने कहा था कि अगर ये स्तर बने रहते हैं, तो खुदरा कीमतों में कटौती की जा सकती है। हालांकि, बाद में मध्य-पूर्व संकट के कारण कीमतें फिर बढ़ गईं, लेकिन ब्रेंट क्रूड की कीमत कभी भी 82 डॉलर प्रति बैरल के ऊपर नहीं पहुंची।
एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि अगले साल तेल सप्लाई में सरप्लस की स्थिति रह सकती है। इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी की मासिक रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका में उत्पादन बढ़ने के कारण, 2025 में डिमांड के मुकाबले सप्लाई 10 लाख बैरल प्रति दिन अधिक हो सकती है। इस संकेत और चीन में डिमांड घटने की आशंका के बीच, यूबीएस ने अगले साल के लिए ब्रेंट क्रूड का औसत अनुमान 87 डॉलर प्रति बैरल से घटाकर 80 डॉलर प्रति बैरल कर दिया है।