जालंधर (जसप्रीत): कनाडा ने हाल ही में घोषणा की है कि पोस्ट ग्रेजुएट वर्क परमिट प्राप्त करने के लिए छात्रों को कनाडाई भाषा मानक परीक्षण में 7 का स्कोर प्राप्त करना होगा और मास्टर या डॉक्टरेट की डिग्री होनी चाहिए, जबकि कई छात्र तकनीकी रूप से उस बाजार में उपलब्ध नौकरियों के अनुसार योग्य नहीं हैं। कनाडा में लगभग 1.3 लाख भारतीय छात्रों के वर्क परमिट 31 दिसंबर 2024 को समाप्त होने वाले हैं। इनकी दिल की धड़कन बढ़ी हुई है क्योंकि भारत व कनाडा के बीच के रिश्ते सुखद नहीं है। उनके वीजा की अवधि बढ़ाई नहीं जा रही है वहीं, उन 700 छात्रों पर डिपोट की तलवार लटक रही है।
छात्र ब्रैम्पटन में प्रदर्शन कर रहे हैं, जहां वे पोस्ट ग्रेजुएट वर्क परमिट का विस्तार मांग रहे हैं। निर्वासन के डर से 29 अगस्त से प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन अब तनाव बढ़ने लगा है। इस विरोध का नेतृत्व नौजवान स्टूडेंट नेटवर्क के बिक्रम सिंह कुल्लेवाल कर रहे हैं, और इसे मॉट्रियल यूथ स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन द्वारा भी समर्थन मिल रहा है। पिछले एक साल में, भारत और कनाडा के बीच तनावपूर्ण संबंधों ने अप्रवासी और छात्रों के बीच अनावश्यक डर बनाकर रखा है लेकिन अब चंद दिनों में यह तनाव बढ़ गया है।