नई दिल्ली (नेहा): दिल्ली विधानसभा में बजट सत्र के पहले दिन आप विधायकों ने स्पीकर विजेंद्र गुप्ता के नियम 280 के तहत चर्चा के दौरान अपने एक विधायक का नाम न लेने के फैसले का विरोध करते हुए वॉकआउट किया। उन्होंने मामले की पुनरावृत्ति का हवाला दिया। नियम 280 के तहत विधायकों को अपने निर्वाचन क्षेत्र से संबंधित मुद्दे उठाने की अनुमति है। हालांकि, जब स्पीकर ने आप विधायक को नजरअंदाज किया, तो विपक्ष की नेता आतिशी के नेतृत्व में पार्टी के अन्य विधायकों ने विधानसभा से बाहर निकलने से पहले विरोध में आवाज उठाई। आप विधायकों की कार्रवाई को “रणनीतिक व्यवधान” करार देते हुए, स्पीकर ने विपक्षी सदस्यों को कार्रवाई करने के लिए मजबूर न करने की चेतावनी दी। उन्होंने यह भी कहा, “कुछ समय में, सीएजी रिपोर्ट पेश की जाने वाली है। मुझे लगता है कि विपक्ष को यह पसंद नहीं है।”
बता दें कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार दिन में बाद में दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) पर नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट पेश करने वाली है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, जिनके पास वित्त मंत्रालय भी है, मंगलवार को 26 साल से ज़्यादा समय में भाजपा सरकार का पहला बजट पेश करेंगी। उल्लेखनीय है कि दिल्ली विधानसभा का पांच दिवसीय बजट सत्र सोमवार को ‘खीर’ समारोह के साथ शुरू हुआ। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने खुद खीर बनाई और फिर भगवान राम को भोग लगाया। इस दौरान बीजेपी नेताओं ने कहा कि “मिठास प्रगति का प्रतीक है”। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता सदन में वित्त वर्ष 2025-26 का बजट 25 मार्च दिन मंगलवार को पेश करेंगी। विधानसभा में विकसित दिल्ली बजट के दौरान मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने खीर बनाया और मंत्री प्रवेश साहिब सिंह सहित अन्य नेताओं को खिलाया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बजट में सहयोग करने वाले व्यापारी वर्ग, डॉक्टर, वकील,व अन्य वर्ग को के लोगों को भी अपने हाथ से खीर वितरित की।