नई दिल्ली (राघव): देश की राजधानी में अवैध घुसपैठ का एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। साउथ वेस्ट जिले की साउथ कैंपस पुलिस ने एक गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए दिल्ली में अवैध रूप से रह रहे 8 बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया है। मुख्य आरोपी रबीउल इस्लाम साल 2012 में त्रिपुरा बॉर्डर पार कर भारत में दाखिल हुआ और दिल्ली के किशनगढ़ इलाके में छिपकर रहने लगा। उसने आधार कार्ड बनवा लिया और घरेलू सफाई का काम करने लगा। बाद में उसने सीमा नाम की महिला से शादी की और उसे भी बांग्लादेश से अवैध रूप से दिल्ली ले आया। पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि रबीउल बांग्लादेश में मानव तस्करी के एक मामले में नामजद आरोपी रह चुका है। उसकी गतिविधियों से यह अंदेशा जताया जा रहा है कि वह भारत में भी ऐसे किसी रैकेट का हिस्सा हो सकता है।
रबीउल इस्लाम के अलावा पकड़ी गई महिलाओं में पापिया खातून, सादिया सुलताना, रिफात आरा मोयना जैसी महिलाएं भी शामिल हैं, जो दिल्ली में सालों से घरेलू सहायिका और पार्लर के कोर्स के बहाने रह रही थीं. किसी ने बच्ची को गोद लिया, तो कोई बच्चों के साथ छिपकर किराए के मकानों में रह रहा था। कटवारिया सराय, मोतीबाग, सत्यम निकेतन जैसे घनी आबादी वाले इलाकों में इनकी उपस्थिति न केवल स्थानीय सुरक्षा के लिए खतरा थी, बल्कि यह भी दर्शाता है कि ऐसे नेटवर्क कितने गहराई से जड़ें जमा चुके हैं। 16 अप्रैल को सभी संदिग्धों को FRRO कार्यालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें डिपोर्टेशन सेंटर भेजा गया। अब इन सभी को कानूनी प्रक्रिया के तहत बांग्लादेश भेजा जाएगा। सरकार का मानना है कि देश की राजधानी में किसी भी विदेशी नागरिक की अवैध मौजूदगी सिर्फ कानून का उल्लंघन नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सीधा खतरा है।