नई दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) ने बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पर जमकर निशाना साधा। उनका कहना है कि अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर उच्च न्यायालय में पूछे गए सवालों का ईडी के पास कोई जवाब नहीं था।
केजरीवाल की गिरफ्तारी पर उठे सवाल
आम आदमी पार्टी की प्रतिक्रिया तब आई जब दिल्ली उच्च न्यायालय ने केजरीवाल को तत्काल राहत प्रदान करने से इनकार कर दिया। उन्हें उत्पाद नीति ‘घोटाले’ से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी द्वारा गिरफ्तार किया गया था।
वहीं, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का दावा है कि केजरीवाल को राहत नहीं मिली क्योंकि ईडी के पास उनके खिलाफ “ठोस” सबूत हैं। बीजेपी ने यह भी कहा कि आने वाले दिनों में केजरीवाल की “धोखे की राजनीति” का अंतिम अध्याय शुरू होगा।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया, जिससे केजरीवाल और उनकी पार्टी को बड़ा झटका लगा। इस घटनाक्रम ने राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप की एक नई लहर पैदा कर दी है।
आप के अनुसार, उच्च न्यायालय में केजरीवाल के वकीलों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर ईडी की तरफ से कोई स्पपष्टीकरण नहीं आने से यह संदेह की स्थिति और गहरी हो गई है। इस पूरे मामले ने राजनीतिक परिदृश्य में नई चिंगारी भड़का दी है।
इस बीच, ईडी का कहना है कि उनके पास केजरीवाल के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं, और वे न्यायिक प्रक्रिया के तहत आगे बढ़ रहे हैं। इस घटनाक्रम ने सोशल मीडिया पर भी व्यापक चर्चा को जन्म दिया है, जहां आम जनता अपनी-अपनी राय व्यक्त कर रही है।
विपक्षी दलों ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध का एक मामला बताया है और इसे लोकतंत्र पर हमला करार दिया है। उनका कहना है कि यह गिरफ्तारी निष्पक्ष जांच के बजाय राजनीतिक द्वेष से प्रेरित है।
दूसरी तरफ, आम आदमी पार्टी ने इसे अपने नेता के खिलाफ एक साजिश करार दिया है। वे इस गिरफ्तारी को उनकी पार्टी के बढ़ते प्रभाव को कम करने की कोशिश के रूप में देख रहे हैं।