नई दिल्ली (राघव): राज्यसभा में आज केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए बजट पर चर्चा होगी। इसके अलावा केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट पर भी बातचीत होगी। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने केंद्रीय बजट को पक्षपाती और गरीब विरोधी बताया है। ऐसे में आज इन मुद्दों को लेकर सदन में गहमागहमी देखने को मिल सकती है।
आम बजट पर राज्यसभा में हो रही चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा,इस बजट में दो राज्यों को छोड़कर, किसी राज्यों को कुछ नहीं मिला। ऐसा बजट मैंने कभी नहीं देखा। ये कुर्सी बचाने के लिए ये सब हुआ है।हम इसकी निंदा करेंगे और इसका विरोध करते। सभी आई.एन.डी.आई. गठबंधन इस बजट का विरोध कर रही है। अगर संतुलन नहीं होगा तो विकास कैसे होगा?
केंद्रीय बजट पर आरजेडी सांसद मीसा भारती ने कहा,”सीएम नीतीश कुमार और जेडीयू की मांग थी कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले, उन्हें क्या मिला? उन्हें प्रधानमंत्री द्वारा सिर्फ झुनझुना और लॉलीपॉप दिया गया है ताकि वे प्रधानमंत्री बने रहें।” उन्होंने आगे कहा कि युवाओं और मध्यम वर्ग के लिए कुछ भी नहीं है। रोजगार का कोई जिक्र नहीं था। यह एक कॉपी-पेस्ट और रीपैकेज्ड बजट है। बिहार विधानसभा चुनाव आ रहे हैं और यह बजट आवंटन सिर्फ एक चुनावी घोषणा है।”
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में कहा, “हर बजट में आपको इस देश के हर राज्य का नाम लेने का मौका नहीं मिलता। कैबिनेट ने वडवन पर एक बंदरगाह स्थापित करने का निर्णय लिया था। लेकिन कल बजट में महाराष्ट्र का नाम नहीं लिया गया। क्या इसका मतलब यह है कि महाराष्ट्र उपेक्षित महसूस करता है? वित्त मंत्री ने आगे कहा कि यदि भाषण में किसी विशेष राज्य का नाम लिया जाता है, तो क्या इसका मतलब यह है कि भारत सरकार के कार्यक्रम इन राज्यों में नहीं जाते हैं? यह कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष का जानबूझकर लोगों को यह आभास देने का प्रयास है कि हमारे राज्यों को कुछ भी नहीं दिया गया है। यह एक अपमानजनक आरोप है।”
संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले विपक्षी दलों ने एनडीए सरकार पर निशाना साधा है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, “हम सब मांग कर रहे थे कि किसानों को एमएसपी मिले, लेकिन समर्थन मूल्य किसानों को नहीं, बल्कि अपनी सरकार बचाने वाले गठबंधन सहयोगियों को दिया जा रहा है।” उन्होंने आगे कहा कि सरकार महंगाई को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठा पाई। उत्तर प्रदेश को कुछ नहीं मिला। डबल इंजन की सरकार से यूपी को दोहरा लाभ मिलना चाहिए था। मुझे लगता है कि लखनऊ के लोगों ने दिल्ली के लोगों को नाराज कर दिया है। इसका नतीजा बजट में दिख रहा है। तो डबल इंजन का क्या फायदा?”