जम्मू (राघव): जम्मू-कश्मीर में माता वैष्णो देवी मंदिर तक प्रस्तावित रोपवे प्रोजेक्ट को लेकर विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। स्थानीय निवासियों और श्रमिकों के प्रदर्शन का सोमवार को चौथा दिन था, जिसमें लगभग 2,000 लोगों ने भाग लिया। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई, जिसमें पथराव से कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। 22 नवंबर से जारी यह विरोध प्रदर्शन मुख्य रूप से दुकानदारों, खच्चर मालिकों और पालकी चलाने वालों द्वारा किया जा रहा है। प्रदर्शनकारी इस 250 करोड़ रुपये की परियोजना का विरोध कर रहे हैं, क्योंकि उनका मानना है कि रोपवे बनने से उनकी आजीविका पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
प्रदर्शनकारियों को शांत करने और हटाने के लिए पुलिस के साथ सीआरपीएफ की 6 बटालियन भी तैनात है। हालाँकि, प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की अपील को अनसुना करते हुए पत्थरबाजी शुरू कर दी, जिसके बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई। श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के अनुसार, यह रोपवे परियोजना तीर्थयात्रियों को सुरक्षित और तेज़ यात्रा का विकल्प प्रदान करेगी। श्राइन बोर्ड के सीईओ अंशुल गर्ग ने इसे “गेम चेंजर” बताते हुए कहा कि यह उन यात्रियों के लिए फायदेमंद होगा, जिनके लिए मंदिर की यात्रा शारीरिक रूप से चुनौतीपूर्ण है। प्रशासन लगातार प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश कर रहा है। वहीं, इस विरोध में अब राजनीतिक नेता भी शामिल हो रहे हैं, जिनमें कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह भी सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं। स्थिति पर नजर रखते हुए प्रशासन समाधान खोजने की कोशिश कर रहा है, जबकि प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, विरोध जारी रहेगा।