नई दिल्ली: भारत के उपराष्ट्रपति और राज्य सभा के अध्यक्ष जगदीप धनखड़ ने बुधवार को संसद के उच्च सदन के दस नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाई। यह शपथ ग्रहण समारोह नई संसद भवन में आयोजित किया गया। इस ऐतिहासिक घटना में देश की विविधताओं को समेटे हुए विभिन्न प्रांतों से आए प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
धनखड़ की नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ
उन सदस्यों में मयंकभाई जयदेवभाई नायक, नारायणसा के भंडागे, मिलिंद मुरली देवरा, अजीत माधवराव गोपचदे, रेणुका चौधरी, अमरपाल मौर्य, संजय सेठ, रामजी लाल सुमन, सागरिका घोष और ममता ठाकुर शामिल हैं। इन सदस्यों का चयन उनकी विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक भूमिकाओं के आधार पर किया गया है, जिससे वे राज्य सभा में प्रभावी योगदान दे सकें।
शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन बड़े ही समारोहपूर्ण तरीके से किया गया, जहां सभी सदस्यों ने एक-एक करके अपने नाम पुकारे जाने पर शपथ ली। इस दौरान उपराष्ट्रपति धनखड़ ने प्रत्येक सदस्य को उनके कार्यों के लिए शुभकामनाएँ दीं और राष्ट्रहित में उनके योगदान की आशा व्यक्त की।
राज्य सभा के नए सदस्यों का शपथ ग्रहण न केवल उनके राजनीतिक करियर के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है बल्कि यह भारतीय लोकतंत्र में उनकी भागीदारी को भी पुष्ट करता है। इस घटना के माध्यम से नई संसद भवन की गरिमा और महत्व को भी बढ़ाया गया, जो विश्व के लिए भारत की प्रगतिशील छवि को प्रदर्शित करता है।
इस शपथ ग्रहण समारोह के संपन्न होने के साथ ही, नवनिर्वाचित सदस्यों के सामने अब उनके विधायी दायित्वों को पूरा करने की चुनौती है। उनके कार्यकाल के दौरान उनसे उम्मीद की जाती है कि वे न केवल अपने राज्यों की बल्कि पूरे देश की भलाई के लिए काम करेंगे।
यह समारोह भारतीय संसदीय इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ता है, जिसमें नई ऊर्जा और नई आशाओं के साथ सदस्यों को देश की सेवा में उनकी वचनबद्धता की पुनः पुष्टि की गई। आगे चलकर, इन सदस्यों की गतिविधियां और निर्णय देश के राजनीतिक और सामाजिक दिशा-निर्देशों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।