दिल्ली की राजनीति में बड़ी हलचल मची है क्योंकि कांग्रेस के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष, अरविंदर सिंह लवली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनके इस्तीफे का कारण AAP से हुआ गठबंधन बताया जा रहा है, जिसे लेकर उन्होंने और पार्टी के अन्य सदस्यों में गहरे मतभेद हैं। लवली ने इस्तीफे की खबर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को चार पृष्ठों की एक चिट्ठी के माध्यम से दी।
गठबंधन के विरोध में इस्तीफा
लवली ने अपनी चिट्ठी में लिखा कि दिल्ली कांग्रेस इकाई AAP के साथ गठबंधन के खिलाफ है। उनका कहना है कि AAP का अस्तित्व ही कांग्रेस के खिलाफ लगाए गए झूठे और मनगढ़ंत आरोपों पर आधारित है। उन्होंने अपनी चिट्ठी में यह भी उल्लेख किया कि वे इस गठबंधन से खुश नहीं हैं और इसे दल के सिद्धांतों के विरुद्ध मानते हैं।
सूत्रों के मुताबिक, लवली का इस्तीफा मंजूर किया जा चुका है और जल्द ही नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति की जाएगी। उन्होंने यह पद अगस्त 2023 में संभाला था और अब कुछ महीनों के भीतर ही उनके इस्तीफे ने पार्टी के भीतर चल रहे उथल-पुथल को सार्वजनिक कर दिया है।
इस इस्तीफे के बाद कांग्रेस पार्टी के भीतर मतभेद और भी खुलकर सामने आ गए हैं। ओखला से पूर्व विधायक आसिफ मोहम्मद खान ने यह कहा कि अगर लवली को कोई आपत्ति थी तो उन्हें चुपचाप अपना इस्तीफा दे देना चाहिए था, न कि मीडिया के माध्यम से इसे सार्वजनिक करना चाहिए था। खान के मुताबिक, इस तरह के कदम से पार्टी को नुकसान पहुंचता है और इससे भाजपा को फायदा होता है।
वहीं लवली ने स्पष्ट किया कि वे कांग्रेस पार्टी में ही हैं और किसी अन्य दल में जाने का उनका कोई इरादा नहीं है। उनके इस्तीफे के बाद पार्टी के भविष्य पर अब बड़े सवाल उठ रहे हैं।