नई दिल्ली में, मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग चार मुख्य समस्याओं – मांसपेशी, पैसा, गलत सूचना और एमसीसी उल्लंघनों – का मुकाबला करने के लिए कठोर प्रयास कर रहा है। ये सभी कारक स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के पथ में बाधाएं उत्पन्न करते हैं।
लोकसभा और चार राज्यों के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा
निर्वाचन आयोग ने आगामी लोकसभा चुनावों और चार राज्य विधानसभा चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा की। इस बार, लगभग 97 करोड़ लोग वोट देने के लिए पात्र हैं। राजीव कुमार ने बताया कि 85 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं को घर से मतदान की अनुमति दी जाएगी।
मतदान स्थलों पर बुनियादी सुविधाएं
उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि सभी मतदान स्थलों पर पीने का पानी और शौचालय जैसी न्यूनतम बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। यह कदम वोटिंग प्रक्रिया को अधिक सुगम और सुविधाजनक बनाने के लिए उठाया गया है।
लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के कार्यकाल
वर्तमान लोकसभा का कार्यकाल 16 जून को समाप्त हो रहा है, और उससे पहले एक नई सभा का गठन करना अनिवार्य है। इसी तरह, आंध्र प्रदेश, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, और ओडिशा विधानसभाओं का कार्यकाल भी जून में समाप्त होगा।
पिछले चुनावी परिणाम और आगामी चुनौतियां
पिछले संसदीय चुनावों में, बीजेपी ने 303 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस को 52 सीटें मिलीं। इस बार, विपक्षी ब्लॉक INDIA बीजेपी के विजयी अभियान को रोकने के लिए संघर्ष कर रहा है, जिससे आगामी चुनाव अत्यंत महत्वपूर्ण हो गए हैं।
समापन
निर्वाचन आयोग के ये प्रयास न केवल चुनावी प्रक्रिया को सुधारने के लिए हैं, बल्कि यह भी सुनिश्चित करने के लिए हैं कि हर नागरिक अपने मताधिकार का प्रयोग बिना किसी बाधा के कर सके। आयोग की यह पहल स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के लिए एक सशक्त कदम मानी जा रही है।