बिहार के राजनीतिक आसमान में लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियां जोरों पर हैं। इसी कड़ी में, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने अपने 22 प्रत्याशियों की सूची घोषित की, जिसमें पार्टी सुप्रीमो लालू यादव की दो बेटियों को भी उम्मीदवार बनाए जाने की खबर सामने आई। रोहिणी आचार्य को सारण से और पाटलिपुत्र सीट से मीसा भारती को तीसरी बार टिकट दिया गया है।
लालू पर लगे आरोप
इस घटनाक्रम पर बिहार के डिप्टी मुख्यमंत्री, सम्राट चौधरी का तीखा प्रतिक्रिया सामने आई। उन्होंने लालू यादव पर जातीय उन्माद फैलाने और केवल पारिवारिक हित साधने के आरोप लगाए। चौधरी के अनुसार, लालू यादव के क्रियाकलापों से बिहार की जनता अच्छी तरह परिचित है और उनकी छवि एक भ्रष्टाचारी के रूप में स्थापित है, जो केवल अपने परिवार के लिए ही जीते हैं।
यह बयानबाजी बिहार की राजनीति में तापमान को और अधिक बढ़ा देती है, जहाँ पहले से ही चुनावी मौसम गर्म है। लालू यादव और उनके परिवार का राजनीतिक इतिहास बिहार की राजनीति में काफी प्रभावशाली रहा है। उनकी बेटियों को टिकट दिए जाने के निर्णय ने विपक्षी खेमों में चिंता की लहर दौड़ा दी है।
आरोप हैं कि लालू यादव अपनी राजनीतिक शक्ति का इस्तेमाल परिवारवाद को बढ़ावा देने और जातिगत आधार पर वोट बटोरने के लिए करते आए हैं। इस बीच, बिहार के मतदाताओं की निगाहें इस बात पर टिकी हुई हैं कि आगामी चुनाव में यह रणनीति किस हद तक काम करती है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि लालू यादव के खिलाफ लगाए गए ये आरोप चुनावी परिदृश्य में एक नया मोड़ ला सकते हैं। बिहार की जनता एक बार फिर से अपने नेताओं को चुनने के लिए तैयार है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि वे इस आरोप-प्रत्यारोप के खेल में किसे अपना समर्थन देते हैं। राजनीतिक दलों की ओर से जारी घोषणाओं और आरोपों का सिलसिला चुनावी प्रक्रिया के समाप्त होने तक जारी रहेगा, और मतदाता अंततः अपना निर्णय सुनाएंगे।