नई दिल्ली (नेहा): पार्षद से विधायक बने सभी नवनिर्वाचित विधायकों ने अपनी निगम की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। इससे निगम में 11 सीटें खाली हो गई है। जबकि एक सीट लोकसभा चुनाव में भाजपा पार्षद रही कमलजीत सहरावत के सांसद निर्वाचित होने से पहले से ही खाली है। दिल्ली में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने और नई सरकार के गठन के बाद अब दिल्ली में जल्द ही निगम की 12 सीटों पर उप चुनाव का शंखनाद हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक चार माह के भीतर यह चुनाव प्रक्रिया पूरी हो सकती है। यह उप चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि रिक्त सीटों के कारण निगम की सत्ता का गणित उलट सकता है क्योंकि भाजपा और आप में बहुत ही कम अंतर से पक्ष-विपक्ष का खेल चल रहा है।
विधानसभा चुनाव में करीब 22 पार्षद चुनाव भाजपा, कांग्रेस और आप पार्षद कूदे थे। इसमें भाजपा के 8 तो आप के तीन ही पार्षदों को विधानसभा चुनाव कामयाबी मिली। वहीं, एक मनोनीत पार्षद भी भाजपा विधायक के तौर पर जीत गए हैं। निगम के नियम अनुसार माह के अंत में रिक्त सीटों की सूचना दिल्ली राज्य निवार्चन आयोग को जाती है। ऐसे में निगम अधिकारी इस माह यह सूचना भेज देंगे। वहीं, मनोनीत पार्षद जो चुनाव लड़े और उनका स्थान रिक्त हो गया है उसकी सूचना निगम राजनिवास को भेज देगा। क्योंकि उपराज्यपाल ही निगम में मनोनीत करते हैं। दिल्ली राज्य चुनाव आयोग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि अभी लोकसभा की रिक्त पहले से एक सीट का निर्वाचन इसलिए नहीं कराया था क्योंकि विधानसभा चुनाव के बाद फिर सीटें अक्सर रिक्त होती है। चूंकि निगम से अधिकारिक जानकारी आएगी तो फिर चुनाव कराने को लेकर प्रक्रिया शुरू की जाएगी।