चंडीगढ़: पंजाब सरकार ने शनिवार को एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए तरन तारन और संगरूर जिलों में बाल यौन शोषण अपराधों (POCSO) के तहत दो विशेष फास्ट ट्रैक अदालतों की स्थापना के लिए अपनी सहमति प्रदान की। मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक के बाद, वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने मीडिया को यह जानकारी दी।
प्रशासनिक प्रयासों का नया आयाम
चीमा ने बताया कि इन अदालतों की स्थापना से बाल अपराधों, विशेष रूप से बाल यौन शोषण मामलों में त्वरित न्याय सुनिश्चित हो सकेगा। “ये अदालतें तरन तारन और संगरूर जिलों में स्थापित की जाएंगी,” उन्होंने कहा।
पंजाब सरकार का यह कदम बाल संरक्षण के प्रति उसकी गंभीरता और संकल्प को दर्शाता है। बाल यौन शोषण जैसे गंभीर अपराधों के खिलाफ त्वरित और प्रभावी कार्रवाई की आवश्यकता है, और इन विशेष फास्ट ट्रैक अदालतों की स्थापना से न्याय प्रक्रिया में तेजी आएगी।
बाल संरक्षण की नई राह
इन विशेष अदालतों की स्थापना से न केवल न्याय की प्रक्रिया में तेजी आएगी, बल्कि यह अपराधियों में एक डर का माहौल भी उत्पन्न करेगा, जिससे बाल अपराधों में कमी आ सकती है। इस पहल से बाल अपराधों के पीड़ितों को अधिक जल्दी न्याय मिल सकेगा।
यह निर्णय बाल संरक्षण के क्षेत्र में पंजाब सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। बाल यौन शोषण जैसे गंभीर मुद्दों पर त्वरित कार्रवाई करने की क्षमता समाज में सुरक्षा की भावना को मजबूत करती है।
एक नई उम्मीद की किरण
पंजाब सरकार के इस कदम से बाल सुरक्षा के लिए एक नई दिशा और उम्मीद की किरण दिखाई दे रही है। इससे न केवल पीड़ितों को बल्कि समाज के हर वर्ग को यह संदेश मिलता है कि सरकार बाल संरक्षण के प्रति कृतसंकल्प है।
इन विशेष फास्ट ट्रैक अदालतों की स्थापना से पंजाब में बाल यौन शोषण के खिलाफ लड़ाई में एक नया अध्याय जोड़ा गया है। यह न केवल पंजाब के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक मिसाल कायम करता है। आगे की राह में यह पहल अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन सकती है।