पंजाब की राजनीति में एक नया मोड़ आया है, जहाँ कांग्रेस पार्टी के पूर्व उप मुख्यमंत्री, सुखजिंदर सिंह रंधावा ने एक अनूठे ढंग से पार्टी छोड़ रहे नेताओं को एक संदेश दिया है। अपने सोशल मीडिया अकाउंट के माध्यम से, रंधावा ने न केवल अपनी उपलब्धियों को साझा किया, बल्कि एक गहरा संदेश भी दिया है।
कांग्रेस के प्रति अटूट निष्ठा
रंधावा का कहना है कि कांग्रेस ने उन्हें जीवन में बहुत कुछ दिया है। उन्होंने उल्लेख किया कि कांग्रेस ने उन्हें पंजाब का उपमुख्यमंत्री बनने का अवसर दिया, साथ ही चार बार विधायक के रूप में सेवा करने का मौका भी दिया। अब वे राजस्थान के प्रभारी के रूप में काम कर रहे हैं। उनका मानना है कि जो पार्टी उन्हें इस मुकाम तक लेकर आई है, उसका साथ कभी नहीं छोड़ना चाहिए।
रंधावा ने उन नेताओं के लिए एक संदेश दिया है जो कांग्रेस छोड़ कर अन्य दलों में शामिल हो रहे हैं। उन्होंने इसे गांधीगिरी के रूप में पेश किया, जो कि आलोचना या जुबानी हमले की बजाय, एक सकारात्मक संदेश है। उनका यह कदम राजनीतिक वातावरण में एक नई दिशा की ओर इशारा करता है।
इस संदेश के माध्यम से, रंधावा ने न केवल अपनी उपलब्धियों का जिक्र किया है, बल्कि यह भी बताया है कि किस प्रकार एक राजनीतिक पार्टी के साथ वफादारी और समर्पण की भावना महत्वपूर्ण है। उन्होंने इसे एक व्यक्तिगत दृष्टिकोण से आगे बढ़ाते हुए, पार्टी के प्रति अपनी निष्ठा को उजागर किया है।
रंधावा का यह कदम उन लोगों के लिए एक सबक हो सकता है जो राजनीतिक स्थितियों के आधार पर अपनी निष्ठा बदलते रहते हैं। उनका संदेश साफ है: वफादारी और समर्पण का महत्व राजनीतिक सफलता में कितना अहम रोल अदा करता है। रंधावा की यह पहल निश्चित रूप से अन्य नेताओं के लिए भी एक प्रेरणा का स्रोत बनेगी।