संयुक्त राष्ट्र संघ में भारतीय राजदूत रुचिरा कांबोज ने हाल ही में इस्राइल-हमास संघर्ष के कारण उत्पन्न मानवीय संकट को “स्वीकार्य नहीं” कहा। उनके इस बयान ने विश्व समुदाय की नज़रें इस मुद्दे पर केंद्रित कर दी हैं।
संघर्ष और संकट
गाजा में जारी इस्राइल-हमास संघर्ष के बीच, भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा रमजान के महीने में तत्काल युद्धविराम की मांग करने वाले प्रस्ताव को एक “सकारात्मक कदम” के रूप में वर्णित किया है। राजदूत कांबोज ने कहा, “हम गाजा में जारी संघर्ष से गहराई से परेशान हैं। मानवीय संकट और अस्थिरता क्षेत्र में और उससे आगे बढ़ रही है।”
शांति की दिशा में एक कदम
रुचिरा कांबोज ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में बोलते हुए कहा कि भारत 25 मार्च को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा एक प्रस्ताव को अपनाने को “एक सकारात्मक कदम” मानता है। इस प्रस्ताव का उद्देश्य संघर्ष में तत्काल युद्धविराम सुनिश्चित करना और गाजा में शांति स्थापित करना है।
भारत का संदेश और योगदान
भारत ने लगातार इस बात पर जोर दिया है कि गाजा में शांति स्थापित करना अत्यंत आवश्यक है। राजदूत कांबोज के अनुसार, “यह समय है कि हम इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता को बहाल करें।” उन्होंने यह भी बताया कि भारत गाजा में शांति प्रक्रिया का समर्थन करता है और इस क्षेत्र में दीर्घकालिक समाधान की दिशा में कार्य करने को तैयार है।
वैश्विक प्रतिक्रिया और आगे के कदम
भारत का यह संदेश विश्व समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो गाजा में शांति और स्थायित्व की दिशा में एक सामूहिक प्रयास का आह्वान करता है। इस समय, यह महत्वपूर्ण है कि सभी पक्ष युद्धविराम का पालन करें और संवाद के माध्यम से समाधान की ओर अग्रसर हों।
इस्राइल-हमास संघर्ष के समाधान की दिशा में भारत का योगदान और सक्रिय भूमिका विश्व शांति के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इस प्रकार के प्रयास न केवल इस क्षेत्र में, बल्कि पूरे विश्व में शांति और स्थायित्व की दिशा में महत्वपूर्ण हैं।