मुंबई (राघव): देशभर में बढ़ते साइबर हमलों के बीच महाराष्ट्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। देवेंद्र फडणवीस सरकार ने आईटी और डिजिटल बुनियादी ढांचे को सुरक्षित करने के लिए एक व्यापक साइबर सुरक्षा नीति तैयार करने की ठानी है। इसके लिए सरकार ने 15 सदस्यीय टास्क फोर्स का गठन किया है। इस टास्क फोर्स में महाराष्ट्र सूचना प्रौद्योगिकी निदेशालय के निदेशक के नेतृत्व में सरकारी अधिकारी और निजी क्षेत्र के विशेषज्ञ शामिल हैं। राज्य के आईटी मंत्री आशीष शेलार ने कहा, साइबर सुरक्षित महाराष्ट्र हमारा मिशन है। महाराष्ट्र राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति 2013 और राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा रणनीति 2020 के सिद्धांतों द्वारा निर्देशित अपनी साइबर सुरक्षा नीति 2025 को विकसित करने की दिशा में पहला कदम उठा रहा है। यह नीति नागरिकों, शिक्षाविदों, उद्योगों, स्टार्टअप्स और सरकार के लिए एक मजबूत साइबर सुरक्षा पारिस्थितिकी तंत्र बनाने में मदद करेगी।
सरकार का कहना है कि यह सरकारी आईटी बुनियादी ढांचे की सुरक्षा भी करेगा और क्षमता निर्माण, कौशल विकास, नवाचार और सरकार, उद्योग, शिक्षाविदों और नागरिकों के बीच साझेदारी के माध्यम से साइबर सुरक्षा उद्योग के विकास का समर्थन करेगा। शेलार ने कहा कि दैनिक जीवन में भी प्रौद्योगिकी की भूमिका बढ़ती जा रही है, जिसके कारण इस नीति की काफी जरूरत है। उन्होंने कहा कि भारत की 600 बिलियन डॉलर वाली डिजिटल अर्थव्यवस्था में महाराष्ट्र का महत्वपूर्ण योगदान है। अकेले महाराष्ट्र की हिस्सेदारी 6 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। राज्य का नागरिक-केंद्रित दृष्टिकोण लगभग 800 ऑनलाइन सरकारी सेवाएं प्रदान करता है। हालांकि, साइबर अपराधों और अवैध डिजिटल गतिविधियों में वृद्धि के कारण कड़े उपायों की आवश्यकता है। यह पहल पिछले साल महाराष्ट्र साइबर सुरक्षा परियोजना के शुभारंभ के बाद की गई है, जिसका उद्देश्य उन्नत तकनीकों का लाभ उठाकर और कानून प्रवर्तन एजेंसियों की क्षमताओं को बढ़ाकर राज्य की साइबर सुरक्षा को मजबूत करना है।