लंदन (राघव): ब्रिटेन में प्रधानमंत्री कीयर स्टारमर की लेबर सरकार के खिलाफ हजारों किसानों ने लंदन की सड़कों पर ट्रैक्टर रैली निकालते हुए चक्का जाम कर दिया। किसानों का यह प्रदर्शन सरकार की नई विरासत कर (Inheritance Tax) योजना के विरोध में हुआ, जिसमें एक मिलियन पाउंड (करीब 11 करोड़ रुपये) से अधिक की कृषि भूमि पर 20% कर लगाने का प्रावधान है। इस फैसले से पारिवारिक कृषि फार्मों को कर छूट नहीं मिलेगी, जिससे किसानों में भारी नाराजगी है। ब्रिटिश सरकार ने अपने बजट 2025 में घोषणा की थी कि अप्रैल 2026 से यह नई विरासत कर योजना लागू की जाएगी। इसके तहत बड़े कृषि भूमि स्वामियों को अतिरिक्त कर चुकाना होगा, जिससे छोटे और पारिवारिक किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हो सकता है।
इस योजना को लेकर ब्रिटेन में विरोध तेज हो गया है, और 1.48 लाख से अधिक लोगों ने इसके खिलाफ ई-पेटिशन पर हस्ताक्षर किए हैं। किसानों के समर्थन में Save British Farming संगठन ने इस विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया। सूत्रों के मुताबिक, इस रैली में 1000 से अधिक ट्रैक्टरों ने हिस्सा लिया, जिससे सेंट्रल लंदन की यातायात व्यवस्था पूरी तरह ठप हो गई। ट्रैफिक जाम के कारण आम नागरिकों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। ब्रिटेन में विपक्ष के नेता नाइजल फराज़ ने इस योजना को तुरंत रद्द करने की मांग की है। उन्होंने प्रधानमंत्री कीयर स्टारमर पर हमला बोलते हुए कहा कि यह नीति ब्रिटेन के कृषि उद्योग को बर्बाद कर देगी और किसानों की आजीविका पर खतरा खड़ा कर देगी। अब इस विरोध प्रदर्शन को एक नया मोड़ आ गया है, क्योंकि दुनिया के सबसे अमीर लोगों में से एक एलन मस्क (Elon Musk) ने खुलकर ब्रिटिश किसानों के समर्थन में बयान दिया है। टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर ब्रिटिश किसानों की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि “यह कर नीति अनुचित है और किसानों की आजीविका को बर्बाद कर देगी।” उन्होंने किसानों के विरोध को जायज ठहराते हुए कहा कि सरकार को किसानों की समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए, न कि उन पर और बोझ डालना चाहिए।
वहीं, ब्रिटिश सरकार ने अपने बचाव में कहा कि वह किसानों के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है, लेकिन सार्वजनिक वित्त को संतुलित करने के लिए सुधार आवश्यक हैं। सरकार का तर्क है कि इस योजना से राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, लेकिन किसानों का कहना है कि इससे खेतिहर जमीन का व्यवसायीकरण होगा और पारंपरिक खेती पर खतरा बढ़ जाएगा। रैली के दौरान ट्रैक्टरों की बड़ी संख्या के चलते लंदन के कई प्रमुख मार्गों पर यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ। सड़कों पर जगह-जगह जाम लग गया, जिससे स्थानीय लोग और वाहन चालकों को खासी परेशानी हुई। लंदन पुलिस को स्थिति संभालने के लिए अतिरिक्त बल तैनात करना पड़ा।