शिमला (नेहा):शिमला जिला के रामपुर उपमंडल की बधाल पंचायत में शनिवार रात करीब 11 बजे बादल फटने के बाद शिकारी नाले में बाढ़ आ गई। इससे जानी नुकसान तो नहीं हुआ, लेकिन कई बीघा सेब के बगीचों में मलबा घुसने से नुकसान हुआ है। मलबे की चपेट में आने से एक परिवार बच गया। रात को जैसे ही परिवार ने आवाज सुनी तो सभी सुरक्षित स्थान की ओर भाग गए। मलबा मकान के पास तक पहुंच गया। मकान देव राज पुत्र अकलू राम का है। प्रशासन की टीम ने गांव पहुंचकर नुकसान का आकलन किया है। वहीं, पर्यटन स्थल रोहतांग सहित बारालाचा व कुंजम दर्रे में हिमपात हुआ। रोहतांग दर्रे में हिमपात के साथ ठंड बढ़ गई है। अटल टनल रोहतांग के साथ लगती पहाड़ियों में भी बर्फ के फाहे गिरे।
मनाली-लेह मार्ग के बारालाचा दर्रे में तीन इंच हिमपात हुआ है, जिससे वाहन चालकों को परेशानी हुई। धुंधी जोत, मकरवेद-शिकरवेद जोत, हनुमान टिब्बा, इंद्र किला, चंद्रखणी जोत सहित समस्त चोटियों ने सफेद चादर ओढ़ ली है। सोलन जिला के कसौली में शनिवार रात 53 मिलीमीटर वर्षा हुई। रविवार को चंबा में 11 और शिमला शहर में दो मिलीमीटर वर्षा हुई। मौसम विभाग ने 18 सितंबर से एक बार फिर से मानसून के अधिक सक्रिय होने की संभावना व्यक्त की है। प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में रुक-रुक कर हो रही वर्षा के कारण धुंध छाना शुरू हो गई है। रविवार को राजधानी शिमला व इसके आसपास के पर्यटक स्थलों में धुंध छाई रही।
प्रदेश में 38 सड़कें यातायात के लिए बंद हैं। 11 स्थानों पर ट्रांसफार्मर खराब होने से विद्युत आपूर्ति बाधित है। चीन सीमा से सटा मार्ग दो दिन से बंदकिन्नौर जिला में वर्षा के कारण मार्ग व विद्युत आपूर्ति बाधित हुई है। जिला की चोटियों सहित सीमांत क्षेत्र नागडुम, कोरिक व दुमती में हिमपात हुआ है। चीन सीमा के साथ सटे दुमती में पहाड़ी से भूस्खलन होने के कारण मार्ग दो दिन से बंद है। इस कारण 12200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित आईटीबीपी की 50वीं बटालियन के जवानों को परेशानी हो रही है। यह मार्ग सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। सांगला-छितकुल से होते हुए यह मार्ग आइटीबीपी की पोस्ट तक जाता है।