लखनऊ (राघव): एक इंसान के लिए उसका घर केवल दीवारें नहीं, बल्कि सुख-दुख का साक्षी होता है, जहां वह परिवार के साथ बिताए लम्हों और यादों को अपने दिल में संजो कर रखता है। इंसान का घर ही ऐसा होता है, जो उसे हर एक खट्टे-मीठे पलों की याद दिलाता रहता है। वहीं जब बाढ़ का पानी उसके सपनों के आशियाना को बहा ले जाता है तो वह सिर्फ दीवारों को ही नहीं बल्कि उसकी खुशियां, आशाएं, महत्वाकांक्षाएं और भविष्य के सुनहरे सपनों को भी अपने साथ बहा ले जाता है। इससे वह इंसान कभी उबर नहीं पाता है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इंसान के इस दुख को बखूबी जानते और समझते हैं। यही वजह है कि सीएम योगी के निर्देश पर बाढ़ में अपना घर गंवाने वाले गरीबों को तत्काल सहायता राशि उपलब्ध करायी जा रही है, ताकि वह फिर से अपने सपनों के आशियाने को खड़ा कर सकें। इसी के तहत 30 दिन में प्रदेश के दो हजार से अधिक आशियाना गंवाने वाले गरीबों के आंसुओं को पोछने के लिए तीन करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि जारी की जा चुकी है।
राहत आयुक्त ने बताया कि बाढ़ से 14 जिलों के 138 पक्के मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गये। इसके सापेक्ष अब तक 135 क्षतिग्रस्त मकान के पीड़ितों को एक लाख 20 हजार प्रति क्षतिग्रस्त मकान के हिसाब से 1,62,00,000 रुपये की धनराशि जारी की गयी है। इसी तरह 14 पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कच्चे मकान के पीड़ितों को एक लाख 20 हजार प्रति क्षतिग्रस्त मकान के हिसाब से 49,20,000 रुपये का मुआवजा दिया गया है। इसके अलावा 126 आंशिक क्षतिग्रस्त पक्के मकान के पीड़ितों को 6,500 रुपये प्रति आंशिक क्षतिग्रस्त मकान के हिसाब से 8,19,000 रुपये का मुआवजा दिया गया है। वहीं 964 आंशिक क्षतिग्रस्त कच्चे मकान के पीड़ितों को 4 हजार रुपये प्रति आंशिक क्षतिग्रस्त मकान के हिसाब से 38,56,000 रुपये का मुआवजा दिया गया। इतना ही नहीं बाढ़ की चपेट में नष्ट 962 झोपड़ियों के सापेक्ष 959 पीड़ितों को 8 हजार प्रति नष्ट झोपड़ी के हिसाब से 76,72,000 रुपये की आर्थिक सहायता की गयी है। इसके अलावा बाढ़ से क्षतिग्रस्त 85 पशुबाड़े के सापेक्ष 84 क्षतिग्रस्त पशुबाड़े के पीड़ितों को तीन हजार प्रति क्षतिग्रस्त पशुबाड़े के हिसाब से 2,52,000 रुपये की सहायता धनराशि जारी की गयी है।