प्रयागराज (किरण): महाकुंभ की तैयारियां युद्ध स्तर पर आगे बढ़ रही हैं। लगभग 5600 करोड़ रुपये से अधिक के प्रोजेक्ट से प्रयागराज को भव्य और सुंदर बनाया जा रहा है। कुंभ-2019 में पूरी दुनिया प्रयागराज की ओर आकर्षित हुई थी। इस दौरान करीब 25 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया था। वे सभी इतने बड़े आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजन में सहभागी बने थे। वहीं लगभग 100 देशों के राजनयिक भी कुंभ-2019 के भागीदार बने थे। इन लोगों ने भारत के आध्यात्मिक और समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं का अवलोकन भी किया था।
इसी क्रम में दिव्य, भव्य और नव्य महाकुंभ-2025 के लिए विभिन्न विभागों द्वारा युद्धस्तर पर काम किया जा रहा है। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को प्रयागराज में समीक्षा बैठक के बाद कहीं। सीएम ने महाकुंभ-2025 की तैयारियों की समीक्षा करने के बाद पत्रकारों से संवाद किया। सीएम ने बताया कि अधिकारियों को तय समय सीमा में तैयारियां पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश सरकार के साथ केंद्र सरकार के विभाग भी आपसी समन्वय से अपने-अपने कार्यों को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब महाकुंभ का आयोजन होता है तो उस समय संगम में जल का स्तर आठ से 10 हजार क्यूसेक होता है। वहीं वर्तमान में सवा दो लाख से ढाई लाख क्यूसेक पानी के बीच जलस्तर है। बाढ़ का पानी कम होने में अभी 10-12 दिन लग सकते हैं लेकिन इससे महाकुंभ-25 की तैयारियों में कोई बाधा नहीं आएगी।
सीएम योगी ने कहा कि इस बार महाकुंभ का दायरा 2013 के कुंभ की तुलना में दोगुने से अधिक क्षेत्रफल में फैला रहेगा। प्रयास रहेगा कि सभी छह मुख्य स्नान पर्वों को छोड़कर अन्य दिनों में श्रद्धालुओं को एक किमी तक ही पैदल चलना पड़े। महाकुंभ जो 13 जनवरी 2025 से 26 फरवरी 2025 महाशिवरात्रि तक चलेगा।
पौष पूर्णिमा, मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या, वसंत पंचमी, माघ पूर्णिमा, शिवरात्रि को छोड़कर शेष अन्य दिनों में किसी भी श्रद्धालु को एक किलोमीटर से अधिक पैदल न चलना पड़े, इसके लिए परिवहन निगम की सात हजार से अधिक शटल बसों का संचालन किया जाएगा। इसके अलावा इलेक्ट्रिक बसों की भी व्यवस्था की जाएगी।सीएम ने कहा कि कुंभ-2019 की सफलता में मीडिया की अहम भूमिका थी। इस बार भी मीडिया के सकारात्मक योगदान से महाकुंभ-2025 वैश्विक पटल पर अपनी छाप छोड़ेगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महाकुंभ-2025 को लोगो जारी किया गया है, जिसमें आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत का समावेश है। उन्होंने कहा कि उनकी साधु-संतों के साथ बैठक हुई। सभी ने बहुत ही सकारात्मक भाव के साथ महाकुंभ के साथ जुड़ने की बात कही है। उन्होंने कहा कि महाकुंभ के मुख्य आयोजक साधु-संत ही होते हैं, शासन-प्रशासन नैतिक व्यवस्था के साथ जुड़े होते हैं। ऐसे में वह इससे जुड़कर इसको भव्य और दिव्य बनाएंगे। कहा कि होस्ट तो साधु-महात्मा ही होते हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि महाकुंभ को जीरो प्लास्टिक जोन के लक्ष्य को लेकर भी चल रहे हैं। इसके लिए बड़ी योजना तैयार कराई जा रही है। प्लास्टिक के विकल्प को उपलब्ध कराने की तैयारी की जा रही है। इस दिशा में काम भी शुरू हो गया है। मेले में संस्थाओं की ओर से श्रद्धालुओं को पानी, प्रसाद और अन्य सामान मिट्टी के बर्तन, पत्तों के दोना-पत्तल में दिए जाएंगे।