चंडीगढ़ (किरण): हरियाणा में परिवारवाद की राजनीति करने वाले दलों पर अक्सर हमलावर रहने वाली भाजपा इस बार स्वयं के बुने जाल में उलझ गई है। भाजपा ने तीसरी बार सत्ता हासिल करने की रणनीति के तहत इस बार के चुनावी रण में 10 नेताओं के परिजनों को टिकट दिए हैं।
भाजपा पिछले चुनावों में हरियाणा के बड़े राजनीतिक घरानों पर परिवारवाद की राजनीति करने के आरोप लगाती रही है। अब भाजपा चुनावी रण में इन्हीं राजनीतिक घरानों के निशाने पर रहने वाली है।
भाजपा ने केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत की बेटी आरती राव को अटेली से टिकट देकर एक परिवार-एक टिकट की अपनी परंपरा को हरियाणा में तोड़ दिया है। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आई राज्यसभा सदस्य किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी को भाजपा ने तोशाम विधानसभा सीट से चुनावी रण में उतारा है।
हिसार व भिवानी के पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई आदमपुर से चुनाव लड़ेंगे। कुलदीप इस बार स्वयं विधानसभा चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, लेकिन भाजपा अक्सर भजनलाल और कुलदीप बिश्नोई पर पूर्व में परिवारवाद की राजनीति के आरोप लगाती रही है। इनेलो-भाजपा गठबंधन की सरकार में सोनीपत से सांसद रह चुके किशन सिंह सांगवान के बेटे प्रदीप सांगवान को पार्टी ने बरौदा विधानसभा सीट से टिकट दिया है, जबकि सोनीपत के पूर्व सांसद रमेश कौशिक के भाई देवेंद्र कौशिक को गन्नौर विधानसभा से चुनाव मैदान में उतारा है।
पूर्व विधायक रामरतन के बेटे हरिंदर सिंह रामरतन को होडल व पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा की धर्मपत्नी व राज्यसभा सदस्य कार्तिकेय शर्मा की माता शक्ति रानी शर्मा को भाजपा ने पंचकूला जिले की कालका विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। करतार सिंह भड़ाना और अवतार सिंह भड़ाना अलग-अलग दलों की राजनीति करने के लिए जाने जाते हैं। पूर्व मंत्री करतार सिंह भड़ाना के बेटे मनमोहन सिंह भड़ाना को भाजपा ने समालखा से टिकट दिया है, जबकि पूर्व सहकारिता मंत्री सतपाल सांगवान के बेटे सुनील सांगवान को चरखी दादरी से उम्मीदवार हैं।
पूर्व विधायक नरेश कौशिक के भाई दिनेश कौशिक को बहादुरगढ़ से चुनावी रण में उतारा है। केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर अपने बेटे देवेंद्र चौधरी के लिए फरीदाबाद एनआईटी से टिकट दिलाने की कोशिश में हैं। देवेंद्र को टिकट देने के लिए वे राव इंद्रजीत की बेटी आरती राव को मिले टिकट को आधार बना रहे हैं।
मनोहर लाल अपने परिवार में राजनीति करने वाले हालांकि अकेले हैं, लेकिन भजनलाल, बंसीलाल और देवीलाल के राजनीतिक वंशज परिवारवाद की राजनीति को पहले से पोषित कर रहे हैं। अभी तक हरियाणा के तीनों लालों के 10 लाल चुनावी रण में कूद चुके हैं। देवीलाल के परिवार के छह लोग सिरसा और जींद की सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं। ऐलनाबाद से अभय सिंह चौटाला, रानियां से उनके बेटे अर्जुन चौटाला, डबवाली से चचेरे भाई आदित्य चौटाला चुनावी रण में हैं।
जजपा नेता और पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला उचाना कलां से और उनके भाई दिग्विजय चौटाला डबवाली से मैदान में हैं। पूर्व बिजली मंत्री रणजीत सिंह चौटाला रानियां से निर्दलीय ताल ठोंक रहे हैं। चौधरी बंसीलाल के परिवार में उनकी पोती श्रुति चौधरी तोशाम से भाजपा के टिकट पर मैदान में हैं। बंसीलाल के पोते अनिरुद्ध चौधरी इसी सीट पर कांग्रेस के टिकट पर लड़ रहे हैं।