नई दिल्ली (राघव): सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार ने गुरुवार को आप नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की याचिकाओं पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया, जिसमें आबकारी नीति घोटाला मामलों में उनकी जमानत याचिकाओं को पुनर्जीवित करने की मांग की गई थी। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, संजय करोल और संजय कुमार की पीठ ने कहा कि एक अन्य पीठ, जिसके सदस्य न्यायमूर्ति कुमार नहीं हैं। आबकारी नीति घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दायर मामलों में उनकी जमानत याचिकाओं को पुनर्जीवित करने के लिए सिसोदिया की दो अलग-अलग याचिकाओं पर विचार करेगी।
वहीं, जैसे ही मामले की सुनवाई शुरू हुई तो न्यायमूर्ति खन्ना ने कहा कि हमारे भाई को कुछ परेशानी है। वह व्यक्तिगत कारणों से इस मामले की सुनवाई नहीं करना चाहेंगे। सिसोदिया की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने पीठ से मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया और कहा कि समय बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि दोनों मामलों में अभी तक सुनवाई शुरू नहीं हुई है।
उधर, पीठ ने कहा कि दूसरी पीठ 15 जुलाई को इस पर विचार करेगी। चार जून को शीर्ष अदालत ने कथित दिल्ली शराब नीति घोटाले के संबंध में सीबीआई और ईडी द्वारा दर्ज मामलों में सिसोदिया की जमानत याचिकाओं पर विचार करने से इंकार कर दिया था। सिसोदिया ने पहले दिल्ली उच्च न्यायालय के 21 मई के फैसले को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था, जिसमें दो केंद्रीय एजेंसियों द्वारा जांचे गए मामलों में उनकी जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया गया था।