शिमला (नेहा): हिमाचल प्रदेश में मानसून में अब तक 271 लोगों की मौत हो चुकी है। भूस्खलन, बाढ़ और बादल फटने से 64 लोगों की मृत्यु हुई है, जबकि 30 लोग अब भी लापता हैं। लापता लोगों में रामपुर के समेज के 14 लोग शामिल हैं। बादल फटने के बाद समेज गांव में आई बाढ़ में 36 लोग लापता हुए थे, इनमें अब तक 22 के ही शव मिले हैं। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने प्रदेश में मानसून में हुए नुकसान की प्रारंभिक रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट के अनुसार 23 लोगों की मौत बादल फटने, 26 की बाढ़ के बाद डूबने व बहने, छह लोगों की मौत भूस्खलन के कारण व आठ लोगों की मौत बाढ़ के कारण हुई है। एक व्यक्ति की मौत बिजली गिरने से हुई है।
इनके अलावा सर्पदंश से 25, करंट लगने से 15 और गिरने के कारण 38 लोगों की जान गई है। 120 लोगों की मौत वर्षा के दौरान सड़क हादसों और नौ की जान अलग कारणों से गई है। मानसून सीजन में प्रदेश में बादल फटने और बाढ़ की 51 घटनाएं हुई हैं। भूस्खलन की 40 घटनाएं दर्ज की गईं। प्रदेश में रविवार को नाहन में 20 मिलीमीटर, मंडी में 15 और डलहौजी में चार मिलीमीटर वर्षा हुई। रविवार को प्रदेश में धूप और बादलों के बीच अधिकतम तापमान में एक से तीन डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की गई है।
मौसम विभाग के अनुसार सोमवार को प्रदेश के अधिकतर स्थानों पर मौसम के साफ रहने या बादल छाने का अनुमान है। तीन सितंबर को आंधी व भारी वर्षा होने की चेतावनी जारी की है। प्रदेश में 51 सड़के बंद हैं, जिन्हें खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं। कुछ क्षेत्रों में 16 ट्रांसफार्मर खराब होने के कारण बिजली आपूर्ति बाधित है। मनाली-लेह और दारचा जंस्कार मार्ग पर वाहनों की आवाजाही सुचारू है। शिंकुला दर्रे में भी वाहनों की आवाजाही हो रही है। स्पीति के लोसर में क्षतिग्रस्त चिचोंग पुल का कार्य भी जारी है। लाहुल घाटी के काडू नाले में भूस्खलन हो रहा है।