शिमला: हिमाचल प्रदेश के तीन स्वतंत्र विधायकों ने, जिन्होंने हाल ही में राज्यसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार का समर्थन किया था, बुधवार को उच्च न्यायालय का द्वार खटखटाया। उनका यह कदम विधानसभा से अपने इस्तीफों की स्वीकृति की मांग को लेकर उठाया गया है।
होशियार सिंह, आशीष शर्मा, और के एल ठाकुर नामक ये तीनों विधायक फरवरी 27 को हुए राज्यसभा चुनावों में भाजपा के नामांकित उम्मीदवार हर्ष महाजन के पक्ष में मतदान कर चुके हैं और मार्च 22 को विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था।
हिमाचल की राजनीति में उठापटक
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने इन विधायकों को एक कारण बताओ नोटिस जारी किया था। उन्होंने इन विधायकों से 10 अप्रैल तक यह स्पष्टीकरण मांगा कि उन्होंने स्वेच्छा से इस्तीफा दिया है या दबाव में। यह कदम कांग्रेस विधायक दल की ओर से की गई एक प्रतिनिधित्व के बाद उठाया गया था, जिसमें दावा किया गया था कि ये विधायक दबाव में आकर इस्तीफा दे रहे हैं।
विधानसभा स्पीकर का यह निर्णय कानूनी चुनौती का सामना कर रहा है क्योंकि स्वतंत्र विधायकों ने इसे उच्च न्यायालय में चुनौती दी है। विधायकों का कहना है कि उन्होंने अपने विवेक से और राजनीतिक मान्यताओं के अनुसार कार्य किया है, और उनके इस्तीफे को तत्काल मंजूर किया जाना चाहिए।
इस मामले की सुनवाई के दौरान, उच्च न्यायालय के समक्ष विभिन्न पक्षों की दलीलें पेश की जाएंगी, जिसमें इस्तीफे की प्रामाणिकता और विधायकों की स्वतंत्रता के अधिकार की जांच होगी। यह निर्णय हिमाचल प्रदेश की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।
आने वाले दिनों में, उच्च न्यायालय का फैसला न केवल इन तीन विधायकों के भविष्य को प्रभावित करेगा बल्कि यह हिमाचल प्रदेश की राजनीतिक स्थिरता पर भी एक निर्णायक असर डालेगा। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस फैसले से अन्य विधायकों के लिए भी एक नजीर स्थापित होगी कि कैसे विधायक अपने राजनीतिक और व्यक्तिगत निर्णय ले सकते हैं।