ढाका (राघव): बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा और अत्याचार के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। हाल ही में दिनाजपुर जिले के कासिमपुरा इलाके में स्थित श्मशान घाट मंदिर में अपराधियों ने पुजारी तरुण चंद्र दास की बेरहमी से हत्या कर दी। साथ ही, मैमन सिंह और दिनाजपुर में तीन मंदिरों पर हमले किए गए, जिनमें कुल आठ मूर्तियों को तोड़ दिया गया। महाश्मशान समिति के महासचिव सत्य नारायण राय ने बताया कि पुजारी तरुण चंद्र दास पिछले 23 वर्षों से मंदिर में सेवा कर रहे थे। शनिवार सुबह जब समिति के सदस्य मंदिर पहुंचे, तो उन्होंने पुजारी का शव पाया। उनके हाथ-पैर बंधे हुए थे। घटना स्थल पर मंदिर के दानपात्र और भंडार कक्ष के ताले टूटे हुए मिले, और ग्रिल भी कटी हुई थी।
पुलिस का कहना है कि यह घटना शुक्रवार रात की हो सकती है। अपराधियों ने पुजारी की हत्या करने के बाद मंदिर के दानपात्र से पैसे और भंडार में रखे पीतल के बर्तन लूट लिए। पुलिस ने मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है और जांच जारी है। इस्कॉन कोलकाता के प्रवक्ता राधारमण दास ने इस घटना की निंदा करते हुए सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया। उन्होंने लिखा, “बांग्लादेश में हिंदू समुदाय की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। यह घटना अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा को रोकने में सरकार की असफलता को दर्शाती है।” दिनाजपुर और मैमन सिंह में हिंदू मंदिरों को निशाना बनाया गया, जहां तीन मंदिरों पर हमले में आठ मूर्तियों को तोड़ दिया गया। यह घटनाएं वहां के हिंदू समुदाय के लिए गहरी चिंता का विषय बन गई हैं। इस घटना के बाद बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सवाल उठने लगे हैं। धार्मिक स्थलों पर लगातार हो रहे हमले और हत्याओं ने हिंदू समुदाय के लोगों में भय का माहौल पैदा कर दिया है। सरकार से यह मांग की जा रही है कि वह जल्द से जल्द कठोर कदम उठाकर इन घटनाओं पर रोक लगाए।