इस्लामाबाद: पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने पड़ोसी देश भारत में आम चुनावों के बाद भारत के साथ संबंधों में सुधार की आशा व्यक्त की है।
आसिफ की यह टिप्पणी सिंगापुर में विदेश मंत्री एस जयशंकर के उस बयान के कुछ दिनों बाद आई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान लगभग “उद्योग स्तर” पर आतंकवाद का प्रायोजन कर रहा है और भारत में अब आतंकवादियों को अनदेखा करने का मन नहीं है और वह “इस समस्या से अब मुंह नहीं मोड़ेगा”।
“चुनावों के बाद हमारे भारत के साथ संबंध सुधर सकते हैं,” आसिफ ने सोमवार को इस्लामाबाद में संसद भवन के बाहर पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा, यह जोड़ते हुए कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों का “अपना एक पृष्ठभूमि” है।
संबंधों की नई दिशा
द्विपक्षीय संबंधों में यह नई उम्मीद ऐसे समय में सामने आई है जब दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है। पाकिस्तान और भारत के बीच संबंध हमेशा से जटिल रहे हैं, लेकिन रक्षा मंत्री के हालिया बयान से संकेत मिलता है कि चुनावों के बाद संबंधों में सुधार की संभावना है।
विदेश मंत्री जयशंकर के बयानों ने भारत-पाकिस्तान संबंधों में नई तनातनी का संकेत दिया, जिसमें आतंकवाद का मुद्दा प्रमुख रहा है। इस संदर्भ में, आसिफ की टिप्पणियां दोनों देशों के बीच एक नई शुरुआत की ओर इशारा करती प्रतीत होती हैं।
आसिफ ने जोर देकर कहा कि भारत के साथ संबंधों में सुधार के लिए चुनावों के परिणाम महत्वपूर्ण होंगे। उनका यह भी मानना है कि द्विपक्षीय संबंधों की मजबूती के लिए आपसी समझ और सहयोग आवश्यक हैं।
इस बीच, दोनों देशों के नागरिकों में भी इस बयान को लेकर एक नई उम्मीद जगी है। संबंधों में सुधार से न केवल राजनीतिक और सामरिक स्तर पर बल्कि लोगों के बीच भी सकारात्मक बदलाव आने की आशा है।
रक्षा मंत्री के इस बयान को दोनों देशों के बीच शांति और सहयोग की दिशा में एक सकारात्मक कदम के रूप में देखा जा सकता है। आगामी समय में, इस तरह के बयानों के प्रभाव से संबंधों में सुधार होने की संभावना पर नज़र रखी जा रही है।