उत्तर प्रदेश (नेहा): उत्तर प्रदेश में एक अनूठा और प्रेरणादायक मामला सामने आया है, जहां एक पति-पत्नी ने एक साथ आईपीएस अधिकारी बनने का गौरव हासिल किया है। यह घटना न केवल व्यक्तिगत सफलता का प्रतीक है, बल्कि यह दिखाता है कि समर्पण और मेहनत के बल पर किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। योगी सरकार ने हाल ही में 24 प्रांतीय पुलिस सेवा (PPS) अधिकारियों का प्रमोशन किया है। इस निर्णय के तहत, बाराबंकी में एसपी सिटी के पद पर कार्यरत चिरंजीव नाथ सिन्हा और उनकी पत्नी एडिशनल एसपी रश्मि रानी भी आईपीएस बनने वाले अधिकारियों में शामिल हैं। यह पहली बार है जब किसी पति-पत्नी ने एक ही समय पर आईपीएस बनने का गौरव प्राप्त किया है।
सोमवार को एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया था, जिसमें मुख्य सचिव, डीजीपी, और संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के सदस्य शामिल थे। इस बैठक में PPS अधिकारियों के प्रमोशन पर चर्चा की गई और यह तय किया गया कि जल्द ही केंद्रीय गृह मंत्रालय से इस संदर्भ में औपचारिक आदेश जारी किए जाएंगे। यह प्रमोशन उन अधिकारियों के लिए खुशियों का समय लेकर आया है, जो लंबे समय से इसके लिए इंतजार कर रहे थे। चिरंजीव नाथ सिन्हा और रश्मि रानी की शादी और उनकी करियर यात्रा प्रेरणादायक है। दोनों ने अपने-अपने क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य किया है और अपने प्रमोशन से एक नया अध्याय शुरू कर रहे हैं। चिरंजीव नाथ सिन्हा वर्तमान में बाराबंकी में एसपी सिटी के पद पर कार्यरत हैं, जबकि रश्मि रानी एडीशनल एसपी के पद पर हैं।
उनके प्रमोशन ने उनके परिवार के साथ-साथ पुलिस विभाग में भी एक नई प्रेरणा का संचार किया है। 1995-1996 बैच के कई अन्य अधिकारियों को भी इस प्रमोशन में शामिल किया गया है। इनमें बजरंग बली, डॉ. दिनेश यादव, समीर सौरभ, मो. इरफान अंसारी, अजय प्रताप, नेपाल सिंह, अनिल कुमार, कमलेश बहादुर, राकेश कुमार सिंह, लाल भरत कुमार पाल, और अन्य शामिल हैं। ये सभी अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं और अब आईपीएस बनकर अपनी जिम्मेदारियों को और बढ़ाएंगे। हालांकि, इस खुशखबरी के बीच एक PPS अधिकारी संजय कुमार यादव का प्रमोशन अभी भी लंबित है। उनकी जांच चल रही है, जिसके कारण उनके प्रमोशन के लिए लिफाफा बंद रखा गया है।
जांच के पूरा होने के बाद उन्हें भी प्रमोशन दिया जाएगा, और इस संबंध में अधिकारी आशान्वित हैं। यह घटना न केवल व्यक्तिगत उपलब्धियों का प्रतीक है, बल्कि यह समाज में पति-पत्नी के रिश्ते को भी एक नई दिशा प्रदान करती है। दोनों के एक साथ आईपीएस बनने से यह संदेश मिलता है कि पति-पत्नी मिलकर किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं और अपने लक्ष्यों को हासिल कर सकते हैं।