पाली (नेहा):राजस्थान के पाली जिले में चोरों ने एक मंदिर को निशाना बनाकर अपनी हिम्मत का नया उदाहरण पेश किया है। मारवाड़ जंक्शन के जिनेंद्र विहार परिसर में अज्ञात चोरों ने एक बड़ी वारदात को अंजाम दिया है, जिससे स्थानीय लोगों में आक्रोश और भय का माहौल बना हुआ है। इस घटना का मूलस्थान पाली जिले के मारवाड़ जंक्शन का जिनेंद्र विहार परिसर है, जो कि जैन समुदाय के लिए एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। चोरों ने सबसे पहले मंदिर का ताला तोड़ने का प्रयास किया। जब उन्हें इस प्रयास में सफलता नहीं मिली, तो उन्होंने मंदिर का दरवाजा ही उखाड़ने का निर्णय लिया। यह दर्शाता है कि चोरों का आत्मविश्वास कितना बढ़ गया है कि वे ऐसी पवित्र जगह पर भी आक्रमण करने से नहीं चुकते।
दरवाजा उखाड़ने के बाद चोर मंदिर के अंदर घुसे और वहां रखी दानपेटी को तोड़ दिया। उन्होंने भगवान की प्रतिमा से सोने के आभूषण चुराने के बाद वहां से फरार हो गए। इस चोरी में चोरों ने खासतौर पर प्रतिमा के ऊपर रखी सोने की कपाल पट्टिका को चुराया, जो कि धार्मिक आस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। गुरुवार सुबह जब स्थानीय लोग मंदिर पहुंचे, तो उन्हें चोरी की जानकारी मिली। इस घटना ने सभी को दंग कर दिया। जैन समाज के लोग इस चोरी से बेहद नाराज और दुखी हैं। वे अपनी धार्मिक आस्था के स्थान को सुरक्षित नहीं मान पा रहे हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि इस प्रकार की घटनाएं उनकी धार्मिक भावनाओं को चोट पहुँचाती हैं और सुरक्षा की भावना को कमजोर करती हैं।
पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। स्थानीय प्रशासन ने सभी संभावित सुरागों पर ध्यान केंद्रित किया है। हालांकि, स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसी वारदातें न केवल उनकी आस्था को चोट पहुँचाती हैं, बल्कि उनकी सुरक्षा को भी खतरे में डालती हैं। कुछ नागरिकों ने पुलिस पर सवाल उठाए हैं कि क्या धार्मिक स्थलों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त कदम उठाए जा रहे हैं। इस घटना ने स्थानीय समुदाय में चिंता बढ़ा दी है। लोगों का कहना है कि मंदिरों और अन्य धार्मिक स्थलों की सुरक्षा को बढ़ाने की जरूरत है।
सुरक्षा कैमरे और गार्ड की तैनाती की मांग उठाई जा रही है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। कई लोग अपने धार्मिक स्थलों की सुरक्षा के लिए स्थानीय प्रशासन से ठोस कदम उठाने की अपील कर रहे हैं। इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि समाज में चोरों के हौसले कितने बढ़ गए हैं। मंदिर जैसी पवित्र जगह को भी अब सुरक्षित नहीं माना जा रहा है। जैन समाज के लोग इस घटना के खिलाफ आवाज उठाने के लिए एकजुट हो रहे हैं, ताकि ऐसी वारदातों को रोका जा सके। यह समय है कि समाज और प्रशासन मिलकर ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए।