पंचकूला (राघव): दिल्ली और आसपास के इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में बढ़ोतरी देखी जाने लगी है। ऐसे में अब हरियाणा की नायब सरकार ने पराली पर रोकथाम को लेकर एक सख्त तरीका अपनाया है। प्रदेश में अब पराली जलाने वालों पर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। जारी आदेश के अनुसार प्रदेश सरकार ने दो आदेशों पर मुहर लगाई है। हरियाणा में धान की कटाई के साथ ही पराली जलाने का मुद्दा फिर से सुर्खियों में है। कृषि विभाग हरियाणा की तरफ से एक निर्देश जारी किया गया है। निर्देश के अनुसार कि जो किसान पराली जला रहे हैं, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जानी जाएगी और उनके खेत के रिकॉर्ड में एक लाल प्रविष्टि दर्ज की जानी जाएगी। वहीं पराली जलाने वाले किसान अगले दो सीजन के दौरान ई-खरीद पोर्टल के माध्यम से मंडियों में अपनी फसल नहीं बेच पाएगा।
वहीं शुक्रवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कार्यभार संभालने के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि हरियाणा में किसान पराली नहीं जलाएंगे। किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए अधिकारी उन्हें समझाएंगे। इससे पहले यमुनानगर जिला प्रशासन ने खेतों से धान की फसल काटने के बाद अवशेषों में आग लगाने के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए निर्णय लिया है कि पराली जलाने वाले किसानों पर अब कोई नरमी नहीं दिखाई जाएगी। यदि किसी किसान ने अब खेत में पराली जलाई तो उसके खिलाफ थाने में सीधे एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। जबकि इससे पहले पराली अवशेषों में आग लगाने पर किसानों पर 2500 रुपये प्रति एकड़ जुर्माना लगाने का प्रावधान था। प्रशासन के इस निर्णय से पराली जलाने के मामलों में काफी कमी आ सकती है।