बलरामपुर (नेहा): छत्तीसगढ़ के बलरामपुर में उग्र भीड़ ने एडिशनल एसपी निमिषा पांडे की पिटाई कर दी। महिलाओं ने उन्हें चप्पल से पीटा और उनकी लाठी भी छीन ली। अंत में महिला एसपी को भागकर अपनी जान बचानी पड़ी। राज्य में खराब कानून व्यवस्था और पुलिस की लापरवाही से नाराज भीड़ को समझाने के लिए महिला एसपी पहुंची थीं, लेकिन उनकी बात सुनने की बजाय महिलाओं ने उन पर हमला कर दिया। ऐसे में उन्हें जान बचाकर भागना पड़ा। बलरामपुर में पुलिस कस्टडी में युवक की मौत हो गई थी। इसके बाद से यहां जमकर बवाल हो रहा है। युवक का शव लेकर पुलिस उसके गांव पहुंची थी। इसी बीच गांव के लोग आक्रोशित हो गए। भीड़ ने पुलिसकर्मियों पर पथराव कर दिया। हालांकि, यह भी कहा जा रहा है कि भीड़ में दिखाई दे रहे लोग दूसरे राज्यों से अकार छत्तीसगढ़ में बस गये हैं और अब यही लोग यहां का माहौल खराब कर रहे हैं।
उग्र भीड़ को काबू करने पहुंची एएसपी निमिषा पांडे पर भी महिलाओं ने हमला कर दिया। इस दौरान एक महिला उन्हें चप्पल से मारती नजर आई है और दूसरी महिला ने उनसे लाठी छीन ली। मृतक के परिवारजनों और बंगाली समाज ने उसका शव लेने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद पुलिस खुद डेडबॉडी लेकर उसके गृहग्राम संतोषी नगर पहुंची थी। इससे पहले गुरुवार रात भी बलरामपुर थाने में लोगों की भीड़ ने हमला बोल दिया। देर रात तक हंगामे के बाद थाने और एसपी कार्यालय के सामने हाईवे पर कर प्रदर्शन कर रहे लोगों की भीड़ को पुलिस ने हटाया। एसपी ने बलरामपुर थाना प्रभारी और आरक्षक को सस्पेंड कर दिया है। मृतक गुरुचरण मंडल के पिता शांति राम ने थाने से बाहर निकलकर कहा कि पुलिस ने उसके बेटे को मारकर लटकाया है, टीआई और एसपी तीन दिनों से गुरुचरण को पीट रहे थे।
वहीं एएसपी शैलेंद्र पांडेय ने इन आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने कहा कि, सिर्फ पूछताछ के लिए बुलाया गया था, उसने बाथरूम में जाकर फांसी लगा ली। मृतक की पत्नी लापता होने के मामले में पुलिस को अहम सुराग हाथ लगा था। जिसके बाद पूछताछ के लिए युवक को बुलाया गया था। हालांकि, उसने पुलिस कस्टडी में ही फांसी लगा ली। इसके बाद से बवाल मचा हुआ है। अब पुलिस का ध्यान शांति कायम करने पर है। अभी भी बड़ा सवाल है कि मृतक की लापता पत्नी अभी कहां और किस हाल में हैं। पुलिस हिरासत में युवक की मौत के बाद क्षेत्र में तनाव है, लोग सड़कों पर उतर कर विरोध कर रहे है।