मॉस्को (नेहा):रूस-यूक्रेन युद्ध पर विराम लगाने के लिए भारत की ओर से पूरी कोशिश की जा रही है। पिछले कुछ महीनों में पीएम मोदी रूस और यूक्रेन का दौरा कर चुके हैं। वहीं, प्रधानमंत्री ने कहा है कि रूस-यूक्रेन युद्ध पर विराम लगाने के लिए भारत मध्यस्थता करने के लिए तैयार है। इसी बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि चीन, भारत और ब्राजील यूक्रेन पर संभावित शांति वार्ता में मध्यस्थ की भूमिका निभा सकते हैं। ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम को संबोधित करते हुए पुतिन ने यह बात कही है। हालांकि, उन्होंने कहा कि रूस का पहला उद्देश्य यूक्रेन के डोनबास क्षेत्र को कब्जे में लेना है।
पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय रूस की यात्रा पर गए थे। रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच पीएम मोदी की यह पहली रूस यात्रा थी। पीएम मोदी ने कहा था कि एम ने कहा, ‘कहीं भी हो, मासूम लोगों की जान की हानि स्वीकार्य नहीं है। प्रधानमंत्री ने रूस की धरती पर कहा था कि भावी पीढ़ी के भविष्य के लिए शांति बहुत जरूरी है। मैं यह भी जानता हूं कि युद्ध के मैदान में समाधान संभव नहीं है। हमें वार्ता से ही शांति का मार्ग अपनाना होगा।
बताते चलें कि अमेरिका भी कई बार इस बात को दोहरा चुका है भारत चाहे तो युद्ध रुका सकता है। पीएम मोदी जब यूक्रेन की यात्रा पर गए थे तो राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने शांति शिखर सम्मेलन की मेजबानी के लिए भारत के नाम का प्रस्तावित किया था। जेलेंस्की ने पीएम मोदी के समक्ष भी यह प्रस्ताव रखा था। जेलेंस्की ने कहा था कि वो चाहते हैं कि शांति शिखर सम्मेलन की मेजबानी भारत करे। जेलेंस्की का यह बयान कूटनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। प्रथम यूक्रेन शांति शिखर सम्मेलन जून में स्विट्जरलैंड में आयोजित किया गया था, जिसमें 90 से अधिक देशों ने भाग लिया था।