नई दिल्ली (राघव): भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने रविवार को कड़े मुकाबले में ग्रेट ब्रिटेन को पेनल्टी शूटआउट में हरा पेरिस ओलंपिक-2024 के सेमीफाइनल में जगह बना ली है। भारत के ये जीत तब मिली जब वह 10 खिलाड़ियों के साथ खेल रही ही थी। दूसरे क्वार्टर की शुरुआत में ही भारत के अमित रोहिदास को रेड कार्ड मिल गया था जिसके कारण वह पूरे मैच से बाहर रहे। ग्रेट ब्रिटेन ने भारत को कड़ी टक्कर दी। पूरे मैच में एक भी पल में ऐसा नहीं था जब दोनों में कोई भी टीम हताश या पीछे दिखी हो। दोनों ही टीमें लगातार अटैक करने कोशिश कर रहीं थी। टीम इंडिया की जीत में एक बार फिर उसकी दीवार कहे जाने वाले गोलकीपर पीआर श्रीजेश का अहम रोल रहा। श्रीजेश ने ग्रेट ब्रिटेन के कई खतरनाक प्रयासों को असफल किया।
ब्रिटेन ने इस मैच की तेज शुरुआत की और भारत को दबाव में रखा। हालांकि टीम इंडिया दबाव में बिखरी नहीं और उसने शानदार डिफेंस किया। ग्रेट ब्रिटेन ने पाचवें मिनट में पहला प्रयास किया जो असफल रहा। ब्रिटेन ने रिव्यू लिया जिस पर उसे दो पेनल्टी कॉर्नर मिले जो भारतीय डिफेंस ने असफल कर दिए। शुरुआती सात मिनट डिफेंसिव खेलन के बाद टीम इंडिया ने अटैक करने की ठानी और ग्रेट ब्रिटेन की डी में जाने की कोशिशें तेज कर दीं। 11वें मिनट में अभिषेक ने टीम इंडिया के लिए पहला मौका बनाया जिसमें वह काफी करीब से गोल करने से चूक गए। 13वें मिनट में भारत को लगातार तीन पेनल्टी कॉर्नर मिले और तीनों ही मौकों पर टीम इंडिया असफल रही। पहले क्वार्टर में दोनों टीमों को तीन पेनल्टी कॉर्नर मिले लेकिन गोल नहीं हो सका।
दूसरे क्वार्टर की शुरुआत में भारत को बहुत बड़ा झटका लग गया। 17वें मिनट में भारत के अमित रोहिदास को रेड कार्ड मिल गया। रोहिदास की हॉकी स्टिक ग्रेट ब्रिटेन के खिलाड़ी के सिर में लग गई और इसी कारण अमित को रेड कार्ड मिला जिसका साफ मतलब था कि वह अब इस मैच में नहीं खेलेंगे और टीम इंडिया को 10 खिलाड़ियों से खेलना होगा। ब्रिटेन के हौसले मजबूत थे और वो लगातार अटैक कर रहे थे। 19वें मिनट में ब्रिटेन के पेनल्टी कॉर्नर मिला जो असफल रहा। यहां टीम इंडिया ने काउंटर अटैक किया। विवेक सागर ने गेंद को क्लियर किया जो अभिषेक के पास पहुंची। अभिषेक ने गेंद को नेट में डालने की कोशिश की लेकिन उनका शॉट ऑफ टारगेट गया।
22वें मिनट में इस मैच में चला आ रहा गोल का सूखा खत्म हो गया। इस बार भारत को पेनल्टी कॉर्नर मिला और हरमनप्रीत ने गेंद को नेट में डालने में कोई गलती नहीं की। ये हरमनप्रीत का इस ओलंपिक में सातवां गोला था। दूसरे क्वार्टर के खत्म होने से चार मिनट पहले ब्रिटेन को भी पेनल्टी कॉर्नर मिला। इस बार भी ब्रिटेन का खाता नहीं खुल सका। ब्रिटेन ने 27वें मिनट में कड़ी मेहनत के बाद बराबरी का गोल कर दिया। बाएं फ्लैंक से गेंद डी के अंदर ली मॉर्टन के पास आई जो गोलपोस्ट के सामने खड़े थे। इस मौके को उन्होंने पूरी तरह से भुनाया और स्कोर 1-1 से बराबर कर दिया। दूसरे क्वार्टर का अंत इसी स्कोर के साथ हुआ।
बराबरी का गोल करने के बाद आत्मविश्वास से भरी ग्रेट ब्रिटेन की टीम ने तीसरे क्वार्टर की शुरुआत में ही अटैक किया। श्रीजेश ने बचाव तो कर लिया लेकिन वह चोटिल हो गए। 34वें मिनट में ग्रेट ब्रिटेन को लगातार दो पेनल्टी कॉर्नर मिले और दोनों ही बार श्रीजेश ने खतरा टाल दिया। श्रीजेश ने 40वें मिनट में फिर पेनल्टी कॉर्नर को बचा ग्रेट ब्रिटेन को बढ़त लेने से रोका। तीसरे क्वार्टर में दोनो ही टीमों को सफलता हाथ नहीं लगी। मैच के आखिरी मिनट में भारत के सुमित को ग्रीन कार्ड जरूर मिला।
सुमित को ग्रीन कार्ड मिलने के कारण भारत चौथे क्वार्टर के शुरुआती दो मिनट नौ खिलाड़ियों के साथ खेला। ग्रेट ब्रिटेन ने लगातार हमले किए। 56वें मिनट में ब्रिटेन ने काउंटर अटैक करते हुए बढ़त ले ही ली थी लेकिन श्रीजेश एक बार फिर उसकी राह में रोड़ा बन गए और ब्रिटेन को मायूस होना पड़ा। 57वें मिनट में एक बार फिर श्रीजेश ने बेहतरी बचाव किया। इस क्वार्टर में भी दोनों टीमें गोल नहीं कर सकीं और मैच तय समय में मैच 1-1 से बराबरी पर खत्म किया। इसी कारण मैच पेनल्टी शूट आउट में गया।