नई दिल्ली (राघव): कनाडा ने इस साल इंटरनेशनल स्टूडेंट्स के वीजा में 35% की बड़ी कटौती की है।कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इसका ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि अगर ‘बुरे लोग’ इमिग्रेशन पॉलिसी का गलत इस्तेमाल करते हुए छात्रों का फायदा उठाते हैं तो कनाडा उनके खिलाफ सख्त एक्शन लेगा। ट्रूडो ने कहा कि वह कनाडा में अस्थायी निवासियों की तादाद कम करने के लिए विदेशी कामगारों के लिए नियमों में कड़ाई करेंगे। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए ट्रूडो ने कहा, ‘हमारी सरकार इस साल इंटरनेशनल स्टूडेंट्स को 35% कम परमिट देगी। 2025 में यह संख्या 10 प्रतिशत और कम की जाएगी।
विदेशी श्रमिकों के लिए वर्क परमिट को लेकर उन्होंने कहा, ‘हम अपने अस्थायी निवास प्रोग्राम को मजबूत करने और आज के बदलते परिदृश्य की मांगों को पूरा करने के लिए एक अधिक व्यापक इमीग्रेशन प्रोग्राम शुरू करने पर कार्रवाई कर रहे हैं।’ सरकार कुछ इंटरनेशनल छात्रों और विदेशी श्रमिकों के जीवनसाथियों के लिए वर्क परमिट पर अतिरिक्त प्रतिबंध लागू करने का प्लान कर रही है। इसके अलावा धोखाधड़ी या शरण दावों में बढ़ोतरी रोकने के लिए यात्री वीजा जारी करने से पहले जांच बढ़ाने की योजना कर रहा है।
भारतीय छात्रों के लिए कनाडा सबसे पसंदीदा देशों में से एक है.
पिछले महीने जारी भारत सरकार के आंकड़ों के अनुसार, लगभग 13.35 लाख भारतीय छात्र विदेश में पढ़ रहे हैं, जिनमें से लगभग 4.27 लाख कनाडा में हैं। 2013 से 2022 के बीच कनाडा में पढ़ाई के लिए जाने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में 260 प्रतिशत की भारी वृद्धि देखी गई है। इस साल की शुरुआत में रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, कनाडा में लगभग 40 प्रतिशत विदेशी छात्र भारत से थे। कनाडा सरकार द्वारा अंतर्राष्ट्रीय छात्र परमिट में कटौती करने के कदम से अब भारतीय छात्रों को अमेरिका, ब्रिटेन या ऑस्ट्रेलिया जैसे अन्य विकल्प चुनने पड़ेंगे।