तेहरान (राघव): ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह अली ख़ामेनेई ने शुक्रवार को तेहरान में आयोजित जुमे की नमाज़ के दौरान अपने हाथ में राइफल थामते हुए इसराइल, अमेरिका और यूरोप पर तीखे हमले किए। यह पांच साल बाद पहली बार था जब ख़ामेनेई सार्वजनिक तौर पर नमाज़ में उपस्थित हुए और उन्होंने इस दौरान कई विवादास्पद बातें कही। इस अवसर पर हज़ारों की संख्या में उनके समर्थक मौजूद थे, जिनमें कई महिलाएं भी शामिल थीं। ख़ामेनेई का यह भाषण उस समय आया है जब इजराइल और ईरान के बीच तनाव चरम पर है। हाल ही में हिज़्बुल्लाह और हमास के वरिष्ठ नेताओं की हत्या के बाद ईरान ने इसराइल के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करते हुए करीब 200 मिसाइलें दागीं। इस हमले के बाद से क्षेत्रीय युद्ध की आशंकाएं और बढ़ गई हैं।
सूत्रों के अनुसार, ख़ामेनेई ने अपने भाषण में अमेरिका और पश्चिमी देशों पर यह आरोप भी लगाया कि वे इसराइल को वित्तीय और सैन्य सहायता देकर मध्य-पूर्व में युद्ध और संघर्ष को बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि ईरान की प्रॉक्सी सेना जैसे हिज़्बुल्लाह और हमास, इसराइल के खिलाफ संघर्ष में प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं, और उन्होंने इन समूहों की प्रशंसा की। ख़ामेनेई ने मुस्लिम देशों को एकजुट होकर इजराइल के खिलाफ खड़ा होने की अपील की। उन्होंने कहा कि “मुस्लिम राष्ट्रों को इजराइल और उसके सहयोगियों के खिलाफ एकजुट होना होगा।” उनका मानना था कि इसराइल पर मिसाइल हमले सही और न्यायोचित हैं और इन हमलों को जारी रखने की आवश्यकता है ताकि क्षेत्र में शांति स्थापित की जा सके।
ख़ामेनेई की इस सार्वजनिक उपस्थिति को भी ईरान में एक शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, इस कार्यक्रम की तैयारी पहले से ही कर ली गई थी और तेहरान में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। आईआरजीसी (ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स) ने पूरे क्षेत्र को घेर लिया था, जहां हजारों समर्थक जमा हुए थे। ईरान ने इस कार्यक्रम को एकता और समर्थन का प्रदर्शन बताया है, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि ईरान अपने नेता और नीतियों के प्रति दृढ़ है।