तेहरान (राघव): हमास चीफ इस्माइल हनिया की तेहरान में हत्या को लेकर ईरान में भारी बवाल मचा हुआ है। दरअसल, हानिया की हत्या के बाद ईरान ने इजरायल पर हमला करने का एलान किया है, लेकिन इजरायल पर हमले को लेकर ईरान में ही दो फाड़ हो गया है। ऐसे में ईरान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन और शक्तिशाली इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के कुछ कट्टरपंथियों के बीच गतिरोध की स्थिति बन गई है। द टेलीग्राफ की खबर के मुताबिक, हानिया की हत्या के बाद इजरायल के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर ईरानी सरकार बंट गई है।
इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स जहां तेल अवीव और अन्य प्रमुख इजरायली शहरों पर सीधे और गंभीर मिसाइल हमले की बात कह रहा है। वहीं, राष्ट्रपति पेजेशकियन हमले की इस आक्रामक रणनीति का विरोध कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबक, राष्ट्रपति पेजेशकियन अपने उदारवादी रुख के लिए जाने जाते हैं। पेजेशकियन जहां इजरायल के नागरिक ठिकानों पर हमले के पक्ष में नहीं हैं, वहीं इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स इजरायल के नागरिक ठिकानों पर मिसाइल और रॉकेट हमलों के पक्ष में है।
पेजेशकियन इजरायल के बाहर स्थित खुफिया एजेंसी मोसाद के ठिकानों पर हमलों की बात कह रहे हैं। उनका मानना है कि यह रणनीति से इजरायल के साथ पूरी तरह से युद्ध के जोखिम कम होगा। साथ ही पेजेशकियन ये बात भी कह रहे हैं कि अगर युद्ध हुआ तो ईरान को गंभीर परिणाम भुगतने हो सकते हैं। राष्ट्रपति पेजेशकियन के एक करीबी सहयोगी ने टेलीग्राफ को बताया, “पेजेशकियन को डर है कि इजरायल पर किसी भी सीधे हमले के गंभीर परिणाम होंगे।” ऐसे में अब देश में सवाल उठने लगे हैं कि आखिर ईरान इजरायल पर कब और किस तरह से हमला करता है।